एसएसबी को दायित्व सौंपें

-रवींद्र सिंह ठाकुर, शिमला

पिछले कई महीनों से चीन के साथ पैदा हुए सीमा विवाद के चलते आज उसके साथ लगते हमारे देश के सीमावर्ती क्षेत्र एक बार फिर संवेदनशील हो गए हैं।1962 के 58 साल बाद फिर वही हालात पैदा हो गए हैं। आज एक बार फिर से सरकारी तंत्र सीमावर्ती क्षेत्र के निवासियों को जागरूक और प्रशिक्षण देकर उनके सहयोग की बात करने लगा है। 1962 के बाद ऐसी परिस्थिति से निपटने हेतु एसएसबी संस्था का जन्म हुआ था जिसे 35-36 साल अपने इन क्षेत्रों में कार्यरत रहने के बाद नेपाल-भूटान-भारत सीमा पर लगा दिया गया था।

28-29 जून को दिव्य हिमाचल समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार के अनुसार हिमाचल के राज्यपाल द्वारा केंद्र को लिखे पत्र के संबंध में मैंने भी राज्यपाल तथा भारत के गृहमंत्री को पत्र भेजे थे। हाल ही में डीजीपी और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष ने भी सीमावर्ती क्षेत्रों को लेकर चिंता जताई है। मेरा सरकार से आग्रह है कि इससे पहले कि स्थिति गंभीर हो जाए, एसएसबी को वापस अपनी पुरानी जगह पर उसी पुराने कार्य के लिए लगा दिया जाए।