सुप्रीम कोर्ट में रामलला का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ वकील के. पराशरण ने परिजनों संग टीवी पर देखा भूमि पूजन

नई दिल्ली – अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रख दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न किया। इस दूरदर्शन के साथ-साथ प्राइवेट टीवी चैनलों एवं अन्य माध्यमों के जरिए इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देश-दुनिया में हुआ। सुप्रीम कोर्ट में रामलला का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ वकील के. पराशरण ने परिजनों संग पूरा भूमि पूजन कार्यक्रम टीवी पर ही देखा।

वह टीवी पर ही कार्यक्रम देखकर बेहद प्रसन्न दिखे। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने घर में टीवी देखते के. परासरण की तस्वीर ट्वीट की। दरअसल, कोरोना संकट के कारण भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता चुनिंदे लोगों को ही दिया गया। न्योता देते वक्त व्यक्ति की उम्र का भी ध्यान रखा गया।

चूंकि पराशरण भी 92 वर्ष के हो चुके हैं, इसलिए उन्हें भी निमंत्रण नहीं भेजा गया। साथ ही, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मनोहर जोशी को भी कोरोना संकट के मद्देनजर अयोध्या आने का निमंत्रण नहीं मिला था। हालांकि, इन गणमान्य लोगों समेत आम श्रद्धालुओं तक को भूमि पूजन कार्यक्रम दिखाने के लिए दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण की व्यवस्था की गई।

देवताओं के वकील माने जाते हैं के. पराशरण

देवताओं के वकील माने जाने वाले के. पराशरण के ग्रेटर कैलाश स्थित आवास को श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट का आधिकारिक कार्यालय बनाया गया है। भारत के अटॉर्नी जनरल रहे के. पराशरण ने अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्वामित्व विवाद मामले में हिंदू पक्षों की ओर से पैरवी की थी।

तमिलनाडु के श्रीरंगम में नौ अक्तूबर, 1927 को जन्मे पराशरण राज्यसभा सदस्य और 1983 से 1989 के बीच भारत के अटॉर्नी जनरल भी रहे। उन्हें वकालत अपने पिता से विरासत में मिली थी। उनके पिता केशव अयंगर अधिवक्ता और वैदिक विद्वान थे, जिन्होंने मद्रास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की थी। पराशरण के तीन पुत्र मोहन, सतीश और बालाजी भी अधिवक्ता हैं।