व्हिसल ब्लोअर को दे सुरक्षा, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पुलिस आयुक्त को दिए आदेश

चंडीगढ़ — हरियाणा के गुरुग्राम में पुलों के निर्माण में भ्रष्टाचार व अनियमितताओं और भू-माफिया की शिकायत करने वाले एक व्हिसल ब्लोअर को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुरुग्राम पुलिस आयुक्त को दिया है। कल दिए आदेश में इसके साथ ही न्यायाधीश अमोल रतन सिंह ने पुलिस उपायुक्त को अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता की सुरक्षा को खतरे के आकलन की रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है।

प्रकरण में याचिकाकर्ता रमेश यादव, जो भारतीय वायुसेना में रह चुके हैं, के वकील प्रदीप रापडिय़ा ने बताया कि श्री यादव ने एनएच नौ पर बने एक फ्लाईओवर और हीरो होंडा चौक पर बने एक पुल में घटिया सामग्री के इस्तेमाल को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

बाद में उन्होंने सरकारी जमीन हड़पने के एक मामले में अदालत में एक शिकायत दी थी जिस पर अदालत ने पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। उन्हें यह सब मामले वापस लेने के लिए धमकाया जाने लगा।
श्री रापडिय़ा के अनुसार बाद में श्री यादव ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दी।

इस पर 17 जनवरी को सुनवाई हुई थी जिसमें हरियाणा सरकार के वकील ने अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा। बाद में कोविड-19 के कारण याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई। इस दौरान याचिकाकर्ता व उसके परिजनों की जान को खतरा बढ़ गया और श्री यादव के बेटे पर हमले की घटना भी हुई।

जिसके बाद वकील ने उच्च न्यायालय में एक अर्जी दी कि याचिका पर सुनवाई थोड़ी जल्दी की जाए जिसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता चूंकि व्हिसल ब्लोअर है, राज्य सरकार की नीति के तहत भी उसे सुरक्षा मिलनी चाहिए पर इस मामले में उनकी अर्जी पर फैसला नहीं हुआ है जबकि अर्जी पर एक सप्ताह में फैसला होना चाहिए।

सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने याचिका पर सुनवाई 25 अगस्त को करने का निर्णय लिया और इस दौरान गुरुग्राम आयुक्त को याचिकाकर्ता को सुरक्षा मुहैया कराने व पुलिस उपायुक्त को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।