कृषि विधेयकों पर घमासान: विपक्ष का संसद परिसर में मार्च

सांसदों ने लगाए शेम-शेम के नारे; राष्ट्रपति से मिल आजाद बोले, हंगामे के लिए सरकार जिम्मेदार

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेतृत्व में बुधवार को अनेक विपक्षी पार्टियों के सदस्यों ने किसान विरोधी तथा श्रमिक विरोधी विधेयकों के विरोध में संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा से अंबेडकर प्रतिमा तक मार्च निकाला। उधर, कृषि विधेयकों को राज्यसभा में पास कराए जाने के तरीके को लेकर विपक्षी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर उनसे इन बिलों को मंजूरी न देने की गुजारिश की।

मुलाकात के बाद राष्ट्रपति भवन के बाहर मीडिया से बातचीत में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सदन में हुए हंगामे के लिए विपक्ष नहीं, बल्कि सरकार जिम्मेदार है। दूसरी तरफ, तमाम विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में ‘मोदी सरकार हाय-हाय’ और ‘शेम-शेम’ के नारे लगाए। मीडिया से बातचीत में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से कहा है कि बिलों को असंवैधानिक तरीके से पास कराया गया है। उनसे गुजारिश की गई है कि वह इन बिलों को मंजूरी न दें और वापस सरकार के पास भेजें। श्री आजाद ने कहा कि सरकार ने कृषि बिलों को सिलेक्ट कमेटी या स्टैंडिंग कमेटी को नहीं भेजा जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

 उन्होंने कहा कि राज्यसभा में उपसभापति ने बिलों पर वोटिंग कराने की हमारी गुजारिश को ठुकरा दिया। राज्यसभा में नेता विपक्ष ने कहा कि मतविभाजन नहीं हुआ, वॉइस वोटिंग नहीं हुई। लोकतंत्र के मंदिर में संविधान को कमजोर किया गया। श्री आजाद ने कहा कि हंगामे के लिए विपक्ष नहीं बल्कि सरकार दोषी है। इससे पहले, एग्रीकल्चर बिल्स के खिलाफ बुधवार को विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया। बिल को वापस लेने की मांग करते हुए विपक्षी सांसदों ने मोदी सरकार हाय-हाय, शेम-शेम के नारे लगाए। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, डीएमके सांसद कनिमोझी समेत विपक्षी दलों के तमाम सांसदों ने हाथों में कृषि बिल और किसान अध्यादेश के खिलाफ तख्तियां लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।