कोरोना संकट के इस दौर में कई राज्य लगातार केंद्र सरकार से बकाया जीएसटी भुगतान की मांग कर रहे हैं, लेकिन कैग की रिपोर्ट ने इस मामले में बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि केंद्र ने राज्यों को जीएसटी भुगतान पर बड़ा धोखा दिया है। केंद्र सरकार ने नियमों का उल्लंघन करते हुए वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 में जीएसटी कंपनसेशन सैस की 47,272 करोड़ रुपए की राशि कंसोलिडेट फंड ऑफ इंडिया (सीएफआई) में रखी और इस फंड को दूसरे काम के लिए इस्तेमाल किया गया।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में यह दावा किया है। पिछले सप्ताह ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बताया था कि राज्यों को जीएसटी कंपनसेशन देने के लिए सीएफआई से फंड जारी करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है, लेकिन कैग का कहना है कि खुद सरकार ने ही इस नियम का उल्लंघन किया है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि स्टेटमेंट 8, 9 और 13 के ऑडिट परीक्षण की जानकारी से पता चलता है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर कलेक्शन में कम फंड क्रेडिट हुआ।
यह रकम राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के तौर पर जारी की जानी थी, लेकिन उस साल जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर के तौर पर 95081 करोड़ रुपए जमा हुए थे। वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने इसमें से केवल 54275 करोड़ रुपए ही कंपेनसेशन फंड में ट्रांसफर किए। इस फंड में से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 69275 करोड़ रुपए जीएसटी क्षतिपूर्ति के तौर पर जारी किए गए। इस फंड में पहले से ही 15000 करोड़ रुपए जमा थे।