दवा नियंत्रकों को जमाखोरी रोकने के निर्देश, Medical oxygen के अधिकतम रेट तय

एनपीपीए के दवा नियंत्रकों को जमाखोरी-कालाबाजारी रोकने के निर्देश, कोरोना महामारी के मद्देनजर लगातार बढ़ रही मांग

नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथारिटी (एनपीपीए)  ने कोरोना महामारी के मद्देनजर मेडिकल ऑक्सीजन की उचित मूल्य पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के मकसद से अहम कदम उठाया है। एनपीपीए ने आगामी छह महीने तक के लिए मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर और लिक्विड ऑक्सीजन की अधिकतम कीमत की सीमा निर्धारित कर दी है। इससे पूर्व अथॉरिटी ने सभी राज्यों के दवा नियंत्रकों को चिकित्सकीय ऑक्सीजन की जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा था। इसी कड़ी में अब चिकित्सकीय ऑक्सीजन की अधिकतम कीमत तय करने का निर्णय लिया गया है।

रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा इस संर्दभ में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। जानकारी के मुताबिक नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी संयुक्त निदेशक एसएस ओझा के हवाले से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर मौजूदा समय में की वर्तमान स्थिति के कारण चिकित्सा ऑक्सीजन की दैनिक मांग 750 मीट्रिक टन से बढ़कर करीब 2,800 मीट्रिक टन पर पहुंच गई है। कोरोना महामारी के दौरान कुल तरल ऑक्सीजन के उत्पादन का लगभग 50 से 60 फीसदी चिक्तिसा प्रायोजन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि कोरोना महामारी से पूर्व यह लभगग 15 फीसदी था।

प्राधिकरण ने 25 सितंबर को आयोजित अपनी अतिरिक्त साधारण बैठक में इस मामले पर विचार-विमर्श किया और महामारी के कारण उत्पन्न होने वाली स्थिति के मद्देनजर सार्वजनिक हित में असाधारण शक्तियों को लागू करने का फैसला किया। एनपीपीए ने तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की एक्स-फैक्टरी कीमत 15.22 रुपए प्रति क्यूबिक मीटर निर्धारित करने का फैसला किया है। इसमें माल एवं सेवा कर (जीएसटी) शामिल नहीं हैं। इसी तरह फिलर (सिलेंडर भरे जाते समय) स्तर पर ऑक्सीजन सिलेंडर की अधिकतम कीमत जीएसटी से पहले 25.71 रुपए प्रति क्यूबिक मीटर तय किया गया। ये दरें आगामी छह महीने तक के लिए प्रभावी होंगी।

उपकरणों की मूल्य अवधि एक साल बढ़ी

नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राईसिंग अथारिटी (एनपीपीए) ने घुटना प्रत्यारोपण उपकरणों के निर्धारित मूल्य की अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ा दी है।  एनपीपीए ने पहली बार 16 अगस्त, 2017 को आदेश जारी कर घुटना प्रत्यारोपण उपकरणों की कीमत एक वर्ष की अवधि के लिए निर्धारित की थी। बाद में इसकी समय सीमा 13 अगस्त, 2018 और फिर 15 अगस्त, 2019 को एक-एक वर्ष के लिए और बढ़ा दी गई। पिछली मर्तबा बढ़ाई गई मियाद 15 अगस्त, 2020 को समाप्त हो रही थी। ऐसे में एनपीपीए ने छह अगस्त 2020 को अपनी बैठक में ऐसी 14 प्रमुख कंपनियों से एकत्र आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर इस अवधि को एक महीने के लिए और बढ़ा दिया। बाद में 14 सितंबर 2020 को प्राधिकरण की बैठक में फिर से इस पर चर्चा की गई।