कुछ महीने पहले तक बस किराया बढ़ाने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे प्राइवेट बस आपरेटर अब किराया घटाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि एक तो जनता कोविड की मार से जूझ रही है, वहीं अब डीजल के दामों में भी कमी आई है। ऐसे में आम लोगों को भी कुछ राहत मिलनी चाहिए। इस लिए हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघर्ष समिति ने बस भाड़ा कम करने की मांग की है।
रविवार को समिति ने इसके लिए कांगड़ा के मटौर में बैठक की और बस किराया कम करने का फैसला लिया। इस दौरान तर्क दिया गया कि कोविड काल में लोग बसों में सफर करने से गुरेज कर रहे हैं, जिससे उनका घाटा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसके पीछे ज्यादा बस किराया होना भी हो सकता है, क्योंकि कम ही लोग बसों में सफर कर रहे हैं। निजी बस ऑपरेटर संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण दत्त शर्मा ने कहा कि जिस वक्त किराया बढ़ाया गया था, उस समय डीजल का मूल्य 74 रुपए प्रति लीटर था, जबकि मौजूदा समय में यह 71 रुपए हो गया है। ऐसे में संकट के चलते उन्होंने जनता को राहत का देने फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के डर के चलते कम ही लोग बसों में सफर कर रहे हैं, जिससे उन्हें घाटा हो रहा है। ऐसे में बस ऑपरेटर्ज ने मांग की है कि उनका स्पेशल रोड टैक्स 31 मार्च, 2021 तक माफ किया जाए और उन्हें गाडि़यां चलाने के लिए वर्किंग कैपिटल प्रदान की जाए।इस मौके पर हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष प्रणीण दत्त शर्मा, अजय मनकोटिया, विजय मनकोटिया, तिलक राज, मनु शर्मा, आशु डोगरा, ओंकार सिंह, प्रविंद्र आदि मौजूद रहे।