राफेल की शक्ति और भारत

पांच फाइटर जेट आधिकारिक तौर पर गत 10 सितंबर को भारतीय वायु सेना में शामिल हो गए। अब चीन के बहुत से एयर बेस इनकी पहुंच में हैं। चीन को इसके शामिल होने से बहुत सदमा लगा है। चीन के पास हमसे अधिक लड़ाकू विमान हो सकते हैं, लेकिन वे रूस और अमरीका के विमानों की नकल हैं। चीन के ये विमान किसी भी लड़ाई का हिस्सा नहीं बने हैं और वहीं भारत की वायु सेना कई लड़ाइयां लड़ भी चुकी है और उसने जीत भी हासिल की है।

यही कारण है कि यह चीन की वायु सेना की तुलना में अधिक शक्तिशाली है। राफेल से मुकाबला करने के लिए चीन अपने विमानों को अपग्रेड कर रहा है। वह उन्हें पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के रूप में बदल रहा है। जल्द ही पांच और राफेल भारत आ रहे हैं जिससे भारतीय वायु सेना अधिक शक्तिशाली हो जाएगी।