सोलर पार्क को चाहिए 6000 करोड़, वर्ल्ड बैंक से पैसा लेने की कोशिश करेगा हिमाचल

काजा में प्रोजेक्ट लगाने के लिए वर्ल्ड बैंक से पैसा लेने की कोशिश करेगा हिमाचल

शीत मरूस्थल लाहुल-स्पीति के काजा में प्रस्तावित एक हजार मेगावाट के सोलर ऊर्जा पार्क के निर्माण को लगभग छह हजार करोड़ रुपए की जरूरत है। इतना पैसा प्रदेश सरकार के पास नहीं है, लिहाजा वर्ल्ड बैंक के साथ चर्चा चल रही है। सूत्रों के अनुसार  यहां पर पावर ट्रांसमिशन की दिक्कत को दूर करने के लिए पावर ग्रिड से बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कोई रास्ता नहीं निकल पाया है। यदि पावर ग्रिड ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण के लिए हामी भरता है और सुलभ रास्ता निकलता है, तो वर्ल्ड बैंक भी हिमाचल की मदद इसमें कर सकता है।

कोविड के कारण बातचीत में देरी हुई है, मगर बताया जा रहा है कि मामला आखिरी दौर में है। इस पर यह औपचारिकताएं पूरी होने के साथ हिमाचल में एक हजार मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क के निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा। केंद्र सरकार चाहती है कि सोलर एनर्जी का ज्यादा से ज्यादा दोहन किया जाए, जिसके लिए केंद्र सरकार ने नीति भी बनाई है और इस पर ज्यादा ध्यान भी दिया जा रहा है। हिमाचल में हालांकि सोलर एनर्जी की ज्यादा संभावनाएं नजर नहीं आ रही हैं मगर फिर भी यहां पर कुछ नई योजनाओं को शुरू करने की सोची गई है।

हिमाचल में सरकारी क्षेत्र में भवनों पर कैप्टिव सोलर प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं वहीं एक पांच मैगावाट का प्रोजेक्ट यहां पर लगाया गया है। सोलर एनर्जी पार्क को लेकर काजा में बड़ी संभावना देखी जा रही है मगर मामला तीन साल से अटका हुआ है। पावर ग्रिड के साथ भी यहां से बिजली की इवेक्यूएशन के मामले पर बातचीत हुई है जिसमें दोबारा से सर्वेक्षण भी इस एजेंसी द्वारा करवाया गया है। अब रोहतांग सुरंग भी शुरू होने जा रही है, लिहाजा वहां से कोई व्यवस्था बिजली बाहर निकालने को हो, तो विचार किया जा रहा है।

केंद्र देगा गारंटी

पता चला है कि वर्ल्ड बैंक से जो चर्चा हुई है उसमें छह हजार करोड़ रुपए तक की राशि हासिल करने को लेकर बात हुई है। उम्मीद की जा रही है कि फंडिंग के लिए वर्ल्ड बैंक तैयार होगा, क्योंकि इसमें केंद्र सरकार की गारंटी मिलेगी, जिससे पार्क की राह आसान हो सकती है।