तीन एमएसएमई क्लस्टर मंजूर, ऊना, परवाणू , बद्दी के लिए स्वीकृति, आर्थिक मदद मुहैया करवाएगी केंद्र सरकार

हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्र सरकार से उद्योग क्षेत्र में तीन एमएसएमई क्लस्टरों को सैद्धांतिक मंजूरी हासिल हुई है। इससे यहां उद्योग क्षेत्र का विकास हो सकेगा। लंबे समय से यह प्रोजेक्ट कागजों में था, जिस पर अंततः स्वीकृति मिली है। अब फाइनल मंजूरी का इंतजार है, जिसके साथ ही केंद्र सरकार से पैसा मिलना भी शुरू हो जाएगा।

यह तीनों क्लस्टर प्रमुख उद्योग क्षेत्रों के लिए मिले हैं, जहां पर नए उद्योगों का विस्तार हो सकेगा। प्रदेश के ऊना, परवाणू व बद्दी के लिए यह क्लस्टर मिले हैं। ऊना में इंजीनियरिंग क्लस्टर होगा, जबकि परवाणू में इन्फ्रास्ट्रक्चर क्लस्टर तथा बद्दी में प्रिंटिंग क्लस्टर होगा। जानकारी के अनुसार ऊना में स्थापित होने वाला इंजीनियरिंग क्लस्टर कुल 16 करोड़ रुपए का होगा, जिसमें से 13 करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार का उद्योग मंत्रालय देगा, वहीं तीन करोड़ की राशि का खर्च राज्य सरकार या फिर लाभार्थी उद्योगों द्वारा किया जाएगा। यहां पर कई तरह के उपकरण बनेंगे, जिनकी जरूरत उद्योगों को रहती है। उद्योगों के लिए जरूरी मशीनी उपकरण यहां पर ही तैयार होंगे, जिनके लिए बाहर नहीं जाना होगा। अभी तक दूसरे राज्यों से ऐसे उपकरण मंगवाए जा रहे हैं। उधर, परवाणू में इन्फ्रास्ट्रक्चर क्लस्टर स्थापित होगा, जिसके लिए 10 करोड़ रुपए की कुल लागत लगेगी। इसमें से आठ करोड़ की राशि केंद्र सरकार देगी, तो दो करोड़ राज्य सरकार को देना होगा।

इससे उद्योगों के लिए आधारभूत सुविधाएं वहां पर जुटाई जाएंगी। इसके अलावा तीसरा क्लस्टर बद्दी के लिए है, जहां पर प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग क्लस्टर होगा। यहां पर इससे संबंधित उद्योगों को लगाया जाएगा, जिनके लिए विशेष रियायतें मिलेंगी। इसकी लागत भी 16 करोड़ रुपए की होगी, जिसमें 13 करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार प्रदान करेगी और तीन करेड़ रुपए राज्य सरकार या फिर लाभार्थियों द्वारा दिए जाएंगे।

कालाअंब, गोंदपुर में कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट

कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट कालाअंब व गोंदपुर के लिए मंजूर हुए हैं। इनको भी दूसरे उद्योग क्षेत्रों में लगाए जाने का विचार है, जिसका भी एक विस्तृत प्रोपोजल तैयार किया गया है। फिलहाल तीन क्लस्टर अलग-अलग क्षेत्रों व अलग-अलग उद्योगों के लिए बनने हैं, जिन पर जल्दी काम शुरू होगा। कोविड काल में हिमाचल के लिए यह बेहतरीन प्रोजेक्ट हैं, जिससे मध्यम व लघु उद्योगों का विकास हो सकेगा, इससे रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।