इस बार कोरोना ने घटाई श्रीनयनादेवी की आमदनी

बिलासपुर-कोरोना संकट की वजह से इस बार अश्विन नवरात्र में उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्रीनयनादेवी के चढ़ावे में लाखों रुपए की कमी दर्ज की गई है। हालांकि पिछले वर्ष इन नवरात्र में नकद चढ़ावे के रूप में मंदिर न्यास को 9133245 रुपए की आय दर्ज की गई थी, लेकिन इस बार आठवें नवरात्र तक यह घटकर 6132502 रुपए रह गई। इस बार मंदिर न्यास की आय में 30 लाख रुपए से ज्यादा कमी दर्ज की गई है। वहीं, पिछले साल उक्त अवधि के दौरान जहां लाखों रुपए का सोने-चांदी का चढ़ावा एकत्रित हुआ था, तो इस साल यह चढ़ावा घट गया है। कोरोना काल ने प्रसिद्ध शक्तिपीठ नयनादेवी के आय के स्रोत को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है। अगर अश्विन नवरात्र मेलों की बात की जाए, तो पिछले साल 9133245 रुपए नकद चढ़ावा, 240 ग्राम 760 मिलीग्राम सोना व 16 किलोग्राम 866 ग्राम चांदी चढ़ी थी, लेकिन इस बार नवरात्र के दौरान आठवें नवरात्र तक 6132502 रुपए का नकद चढ़ावा दर्ज किया गया है, जबकि 199 ग्राम सोना और नौ किलोग्राम 168 ग्राम चांदी चढ़ी है। यहां बता दें कि 10 सितंबर को मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले हैं और उस समय मंदिर खुलने पर पहले दिन 266, जबकि दूसरे दिन 144 श्रद्धालु नयनादेवी आए थे। 10 सितंबर को 30200 रुपए चढ़ावा दर्ज किया गया था।

12 सितंबर शनिवार को श्रद्धालुओं की तादाद 215 दर्ज की गई है। फिर धीरे-धीरे श्रद्धालुओं ने मां नयनादेवी का रुख करना शुरू किया और इस बार अश्विन नवरात्र में हजारों की संख्या में प्रदेश के अलावा बाहरी राज्यों से श्रद्धालु मां नयना के दर पहुंचे। हालांकि प्रशासन की ओर से कोविड-19 की स्थिति को ध्यान में रखते हुए तमाम पुख्ता बंदोबस्त किए गए। टोकन आधार पर श्रद्धालुओं को मंदिर दर्शन के लिए भेजा गया और हरेक जगह सेनेटाइजेशन की व्यवस्था थी। श्रद्धालुओं को मास्क के साथ ही मंदिर दर्शन के लिए प्रवेश दिया गया। ऐसे में नवरात्र मेले शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गए। मंदिर अधिकारी (एसडीएम अतिरिक्त कार्यभार) हुसन चंद ने बताया कि उन्होंने बताया कि आठवें नवरात्र तक चढ़ावे के रूप में 6132502 रुपए की राशि दर्ज की गई है। अभी नौवें नवरात्र के चढ़ावे की गिनती होना बाकी है।