मकलोडगंज में माउंट एवरेस्ट से भी ऊंची सड़क, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट

फरसेटगंज में सड़क किनारे लगे मीलपत्थर पर अंकित है रोड की 17511 मीटर हाइट, आने-जाने वाले सब हैरान

विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट है, पर क्या आपको पता है कि धर्मशाला के मकलोडगंज में माउंट एवरेस्ट से भी अधिक ऊंची एक सड़क है, जिसकी ऊंचाई 17511 मीटर है। जी हां! यह हम नहीं और न ही कोई जनरल नॉलेज की किताब कह रही है, बल्कि फरसेटगंज में सड़क किनारे स्थापित एक माइल स्टोन बयां कर रहा है, जिसमें सड़क की ऊंचाई 17511 मीटर बताई गई है।

पर्यटन नगरी मकलोडगंज-धर्मशाला की एक सड़क को दुनिया कर सबसे अधिक ऊंचाई वाली सड़क के रूप में दिखाया गया है। जानकारी के अनुसार विभाग ने धर्मशाला के निकट फरसेटगंज में अपने एक माइल स्टोन में सड़क की ऊंचाई अंकित की है। फरसेटगंज कैंट के पास लगे माइल स्टोन पर 17511 मीटर की हाइट लिखे पत्थर को अब लोग सोशल मीडिया पर खूब वायरल कर चटकारे लगा रहे हैं। अब लिखने वाले से गलती हुई है या फिर लिखवाने वाले ने गलती की है, इसका पता तो बाद में ही चलेगा, लेकिन ऐसे हालात पर अब खूब तंज कसे जा रहे हैं। आलम यह है कि सड़क के साथ सेना क्षेत्र है। ऐसे में एसईएस और एनएच को सड़क का रखवाला बताया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग के माइल स्टोन अब दिखते ही कम हैं। ऐसे में अब यह अनोखा मामला सामने आने के बाद खूब चर्चा का विषय बन गया है।

कुल 17511 मीटर लिखी इस हाइट को देख कर लोग कई तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि इसे माउंट ऐवरेस्ट से भी ऊंचा दिखा दिया है। इस सारे मामले को लेकर अब लोग कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं। मकलोडगंज पर्यटन नगरी है, ऐसे में यहां दुनिया भर के लोग पहुंचते हैं। इसमें जल्द सुधार नहीं किया गया, तो माइल स्टोन लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा कर सकता है। धर्मशालाके कोरोबारी विपिन कटोच ने इसे शेयर किया है। जिस पर लोग खूब तंज कसते हुए विभाग को सुधार करने की सलाह दे रहे हैं। दर्जनों ही लोगोें ने अपने कमेंट में विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।

जल्द होगी दुरुस्त

विभाग के एसडीओ ध्रमेंद्र सिंह का कहना है कि रोड एनएच और एमईएस के तहत आता है। मामला उनके ध्यान में भी आया है कि एक अंक गलती से अधिक लिखा गया है, जिसे जल्द दुरूस्त कर दिया जाएगा।

बना चर्चा का विषय

माइल स्टोन पर शरारती तत्व पहले भी कुछ का कुछ बना देते हैं, जिससे अकसर लोगों को भ्रमित होना पड़ता है। यही वजह है कि अब हर किलोमीटर के बाद पहले की तरह यह पत्थर दिखते नहीं हैं। इसी बीच यह नया कारनामा खूब चर्चा का विषय बन गया है।