नवरात्र में मां के जयकारों से खूब गूंजे मंदिर, माथा टेक की सुख-समृद्धि की कामना

भक्तों ने सोशल डिस्टेंसिंग व थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही किए माता के दर्शन

धर्मशाला-शरद नवरात्र शुरू होने से प्रदेश भर के मंदिरों में श्रद्धालुओं की खूब रौनक देखने को मिली। कोरोना संकट के बीच नवरात्र में मंदिर खुलना और लोगों का मां के दर्शन करना किसी उत्सव से कम नहीं है। 25 अक्तूबर तक चलने वाले इन नवरात्र में मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है। पहले नवरात्र पर शनिवार को विश्वविख्यात शक्तिपीठ बजे्रश्वरी देवी कांगड़ा, चामुंडा देवी, मां ज्वालामुखी, मां चिंतपूर्णी, मां नयनादेवी, मां बालासुंदरी, मां शूलिनी, तारा देवी, कालीबाड़ी मंदिर के अलावा अन्य प्रदेश भर के बड़े व छोटे मंदिर भक्तों के जयकारों से गूंज उठे। मंदिरों के अंदर कड़ाह प्रसाद तथा नारियल ले जाने पर पाबंदी लगाई गई है तथा कई जगह तो यात्रियों को एलईडी के माध्यम से भी दर्शन करवाए जा रहे हैं। वहीं सोशल डिस्टेंसिंग तथा थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही जगह-जगह पर श्रद्धालुओं को चैक करके माता के दर्शनों को भेजा जा रहा है। चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मां के दीदार को श्रद्धालु इतने आतुर थे कि अपनी जान की परवाह किए बिना कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाते दिखे। नवरात्र पर पंजाब सहित अन्य राज्यों से हजारों संख्या में श्रद्धालु मां के दरबार में उमड़ पड़े। दूसरी तरफ मंदिर क्षेत्र में भिखारियों की बढ़ती भीड़ ने श्रद्धालुओं व दुकानदारों की नाक में दम कर रखा। भले ही श्रद्धालु लापरवाही बरत रहे हों, लेकिन पुलिस कर्मचारी श्रद्धालुओं को बार-बार सोशल डिस्टेंस रखने बारे जागरूक कर दिखाई दिए। कई श्रद्धालुओं ने इस दौरान उपवास रखकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए माता से आशीर्वाद लिया। कोरोना संकट के कारण नवरात्र का पर्व इस बार नए तरीके से मनाया गया। वहीं 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से छोटे बच्चे के मंदिरों को प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी गई है। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि इस बार के सारे नवरात्र गृह कार्य के लिए बहुत शुभ हैं।