क्यूआर कोड से ही बेचनी होगी खाद

कृषि विभाग की योजना, आदेशों की अनदेखी पर रद्द होगा डिपोधारकों का लाइसेंस

खाद वितरण को लेकर अब क्यूआर कोड अनिवार्य कर दिया गया है। सहकारी सभाओं के संचालकों को अगले 15-20 दिन के भीतर बैंकों के माध्यम से क्यूआर कोड तैयार करवाना होगा। तय समयावधि बीतने के बाद क्यूआर कोड के बगैर खाद वितरण करने पर संबंधित डिपोधारकों को कार्रवाई की मार झेलनी पड़ सकती है। यहां तक कि उनके लाइसेंस तक रद्द करने का प्रावधान भी है। कृषि विभाग ने पीओएस मशीनों के जरिए किसानों को खाद वितरण किया जाएगा और किसान अपने मोबाइल फोन से क्यूआर कोड के माध्यम से पेमेंट कर सकेंगे। कृषि विभाग बिलासपुर के उपनिदेशक डा. कुलदीप सिंह पटियाल ने बताया कि सभी लाईसेंसधारक संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जल्द बैंकों के माध्यम से क्यूआर कोड की व्यवस्था करवाएं, ताकि किसानों को क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट करने की सुविधा दी जा सके।

 इससे डिपुओं के कामकाज में पारदर्शिता रहेगी और कोई भी किसान खाद से वंचित भी नहीं रहेगा। उन्होंने बताया कि जिन डिपुओं का खाता प्रदेश स्तर के बैंकों में हैं, उनमें से कई बैंक अभी तक क्यूआर कोड डिवेलप नहीं कर पाए हैं। ऐसे डिपुओं को खाद वितरण के लिए क्यूआर कोड डिवेलप करवाने के लिए डेडलाइन तय की गई है, ताकि वे निर्धारित समयावधि के अंदर यह व्यवस्था करवा सकें। उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिला में भी इस व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।  बता दें कि जिला बिलासपुर में 100 सहकारी समितियों व तीन निजी डिपोधारकों को उर्वरक बेचने का लाइसेंस दिया गया है। ऐसे में सभी उर्वरक विक्रय केंद्रों को सूचित किया गया है कि किसानों को उर्वरक का वितरण पीओएस मशीनों के माध्यम से ही देना सुनिश्चित किया जाए। इसका प्रशिक्षण डिपो होल्डर सोसायटी विक्रेताओं को पहले ही दिया जा चुका है।