रिटायर्ड जस्टिस अवतार चंद डोगरा ह्यूमन राइट्स कमीशन के मेंबर बने, न्यायाधीश की तीन साल के लिए हुई नियुक्ति

शिक्षा, खेल जगत, राजनीति और प्रशासनिक सेवाओं में अग्रणी रहने वाले जिला हमीरपुर के नाम एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। यहां से ताल्लुक रखने वाले 67 वर्षीय जस्टिस (रि.) अवतार चंद डोगरा को हिमाचल प्रदेश ह्यूमन राइट्स कमीशन के सदस्य का सदस्य चुना गया है। जस्टिस डोगरा की यह तैनाती माननीय राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा की गई है। उनकी यह तैनाती तीन साल तक रहेगी।

बता दें कि प्रदेश में ह्यूमन राइट्स कमीशन में चेयरमैन के अलावा दो ही सदस्य होते हैं, जिनमें जस्टिस डोगरा भी एक हैं। जिला मुख्यालय हमीरपुर स्थित वार्ड-3 प्रतापनगर के हाउस नंबर 17 के रहने वाले जस्टिस (रि.) अवतार चंद डोगरा का जन्म 11 सितंबर, 1954 को हुआ था। उन्होंने अपनी दसवीं तक की शिक्षा भोरंज स्थित मुंडखर स्कूल में पूरी की। उन्होंने स्नातक तक की शिक्षा डीएवी चंडीगढ़ में कंप्लीट की।

उसके बाद वर्ष 1977 में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से उन्होंने एलएलबी की। दो साल पंजाब हरियाणा में वकालत का सफर शुरू करने के बाद वे हमीरपुर आ गए और जनवरी 1980 से यहां वकालत शुरू की। वे हमीरपुर में जिला बार एसोसिएशन के दो बार अध्यक्ष भी चुने गए। जून 2000 में वे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश के रूप में धर्मशाला में सेवारत हुए। उसके बाद इसी पद पर शिमला में रहे। बहरहाल, उनकी यह तैनाती जिला हमीरपुर के लिए बहुत ही गर्व का विषय है। उन्हें यह जिम्मेदारी तीन साल के लिए सौंपी गई है।

ऊना-मंडी-शिमला में भी रहे हैं सेवारत

जस्टिस (रि.) अवतार चंद डोगरा की 2003 से 2005 तक ऊना में बतौर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में तैनाती हुई। 2005 से 2008 तक मंडी में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में सेवाएं दीं। वर्ष 2008 से लेकर 2012 तक उन्हें हिमाचल सरकार में बतौर सेक्रेटरी लॉ नियुक्त किया गया। वह जिला एवं सत्र न्यायधीश शिमला से सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के बाद जस्टिस अवतार चंद डोगरा दिल्ली में बतौर चेयरमैन सेंट्रल गवर्नमेंट इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल कम लेबर कोर्ट में सेवारत रहे। जस्टिस (रि.) अवतार चंद डोगरा ने बताया कि लोगों को समय पर उनके अधिकार दिलाना उनकी प्राथमिकता में रहेगा।