स्कूलों की खाली जमीन पर बनाए जाएंगे हर्बल गार्डन

प्रदेश सरकार स्कूलों के आसपास खाली पड़ी जमीन को सही तरीके से यूटिलाइज करने की दिशा में नई पहल करने जा रही है। दरअसल जिन भी स्कूलों में स्कूल भवन और ग्राउंड के अलावा स्कूल की कोई ऐसी लैंड बची है, जिसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है, वहां हर्बल गार्डन तैयार करने की योजना बनाई जा रही है। इसके पीछे एक मकसद तो उस जगह का इस्तेमाल कर स्कूल के आसपास हरियाली लाना है, दूसरा बच्चों को हर्बल पौधों के प्रति जागरूक करना भी है। हर्बल गार्डन के लिए कम से कम 500 स्क्वेयर मीटर जमीन की अनिवार्यता रखी गई है।

 शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिलों के डिप्टी डायरेक्टर्स को पत्र लिखा पूछा है कि आपके जिले में जितने भी स्कूल हैं, उनके आसपास पड़ी बेकार जमीन का ब्यौरा मुहैया करवाएं। जिन स्कूलों के पास स्कूल बिल्डिंग और खेल मैदान के अलावा 500 वर्ग मीटर एरिया है वहां हर्बल गार्डन लगाए जाने की प्लानिंग की जा रही है। हर्बल गार्डन में जामुन, नीम, पीपल और वटवृक्ष इत्यादि हर्बल पौधों की प्लांटेशन की जाएगी। डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय से जिले के सभी स्कूलों को पत्र लिख अपने-अपने स्कूलों के आसपास खाली पड़ी जमीन की डिटेल देने को कहा है। यही नहीं बीआरसीसी और बीपीओ को भी इस काम में लगाया गया है, ताकि इस काम को शीघ्रातिशीघ्र पूरा किया जा सके। ऐसा माना जा रहा है कि स्कूलों में हर्बल गार्डन से एक तो हर्बल पौधों की गुणवत्ता के प्रति छात्रों को रुझान बढ़ेगा साथ ही उनमें पौधरोपण जैसे गुण भी डिवेलप होंगे।