Shinkula Tunnel: शिंकुला सुरंग का हवाई सर्वेक्षण शुरू, एंटीना उठाए निकला चिनूक

500 किलो वजनी एंटीना उठाए निकला चिनूक

सबसे अधिक ऊंचाई पर बनाई जाने वाली दुनिया की सबसे लंबी ट्रैफिक टनल का हवाई सर्वे सोमवार से शुरू कर दिया गया। चिनूक हेलीकाप्टर एक बार फिर चंड़ीगढ़ से सुबह भुंतर हवाई अड्डे पर पहुंचा और कुछ देर रुकने के बाद लाहुल के सटींगरी हेलिपैड पर उतरा। यहां से चिनूक 500 किलो वजनी एंटीना को लिफ्ट कर शिंकुला की तरफ उड़ान भरता देखा गया। साथ ही कई आधुनिक उपकरण भी चिनूक हेलिकाप्टर में विशेष तौर पर सर्वे के लिए लगाए गए थे, जिनकी मदद से विशेषज्ञ शिंकुला दर्रे का डाटा जुटाया जा रहा है। अगामी दो से तीन दिनों तक चलने वाले सर्वे को लेकर सेना व निर्माण कंपनी के अधिकारियों ने केलांग में डेरा जमा दिया है, वहीं विशालकाय चिनूक हेलिकाप्टर को देखने के लिए भी लोगों की भीड़ यहां जुट रही है।

 उल्लेखनीय है कि झांस्कर रेंज में प्रस्तावित 13.5 किलोमीटर लंबी शिंकुला टनल का एयरबोर्न इलेक्ट्रो मेग्नेटिक सर्वे शुरू हुआ है। सर्वे की यह प्रक्रिया करीब एक सप्ताह तक जारी रह सकती है। विशेषज्ञ टीम ने अल्टीट्यूडर, विंड स्पीड सहित कई तकनीकी पहलुओं को बारीकी से जांचा है। टनल को सामरिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। भारतीय सेना किसी भी मौसम में सरहदों तक पहुंच सकेगी। आमतौर पर सर्दियों के दिनों में बर्फबारी के चलते मनाली-लेह मार्ग बंद हो जाता है। टनल के सर्वे का काम राइट्स कंपनी कर रही है। टनल राष्ट्रीय उच्च मार्ग अधोसंरचना विकास प्राधिकरण की देखरेख में पूरी की जाएगी।

पटसेऊ से शुरू होगी टनल

शिंकुला टनल लाहुल के अंतिम रिहायशी क्षेत्र दारचा से करीब आठ किलोमीटर आगे पटसेऊ से शुरू होगी और लद्दाख के कारगिल उपमंडल झांस्कर में पहले गांव कर्ज्ञा से 10 किलोमीटर ऊपर निकलेगी। टनल बनने से मनाली-कारगिल की दूरी करीब 250 किलोमीटर कम हो जाएगी और सफर में लगभग एक दिन का समय कम हो जाएगा।