ताकि वक्त पर हो अज्ञात शवों की पहचान

प्रदेश पुलिस ने राज्य में अज्ञात शवों की शिनाख्त को लेकर यूआईडीएआई से इनका डाटाबेस प्रयोग करने की अनुमति मांगी है, ताकि अज्ञात शवों की समय पर पहचान हो सके और उन्हें समय पर उनके परिजनों के हवाले किया जा सके। पुलिस को आए दिन अज्ञात शवों की शिनाख्त करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू की ओर से यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखकर अज्ञात शवों की पहचान के लिए अपने डाटाबेस के प्रयोग की अनुमति मांगी है। गौरतलब है कि यूआईडीएआई अगर इस तरह की परमिशन देता है, तो हिमाचल पुलिस किसी भी अज्ञात शव के बायोमीट्रिक मिलान करके उसकी पहचान कर सकता है, जिससे आसानी से अज्ञात शव को उसके परिवार को सौंपा जा सकता है।

 इससे यह चीज पुलिस को सुनिश्चित हो जाएगी कि अज्ञात शव किस धर्म से है, ऐसे में धर्म के अनुसार अज्ञात शव का किरया-कर्म भी हो सकेगा। पुलिस ने यह भी तर्क दिया है कि मौत के बाद निजता का अधिकारी समाप्त हो जाता है, ऐसे में इससे किसी जीवित व्यक्ति के निजता का अधिकार भी प्रभावित नहीं होगा। इसके लिए यूआईडीएआई को एक प्रभावी प्रणाली बनाने के लिए आग्रह किया गया है।

हर साल मिलते हैं 100 अज्ञात शव

राज्य में हर साल पुलिस को 100 अज्ञात शव मिलते हैं। ऐसे में अब इन अज्ञात शवों की शिनाख्त कर पाना भी मुश्किल हो जाता है। पुलिस को इन शवों की पहचान करने के लिए कई लोगों और कई जगहों तक जाना पड़ता है। इसके अलावा कई शव तो ऐसे भी होते हैं, जो कई दिन तक शव गृह में पड़े रहते हैं। ऐसे में बाद में एमसी की ओर से इन शवों का दाह संस्कार कर दिया जाता है। अगर यूआईडीएआई पुलिस को अपना डाटाबेस प्रयोग करने की अनुमति देता है, तो पुलिस की काफी समस्या हल हो जाएगी।