उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई करेगी जांच

पत्रकार उमेश शर्मा पर दर्ज एफआईआर रद्द करते हुए हाई कोर्ट के आदेश

उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ  भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच हाई कोर्ट ने सीबीआई का सौंप दी है। कोर्ट ने सीबीआई को एफआईआर दर्ज कर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने के लिए कहा है। हाई कोर्ट ने यह आदेश पत्रकार उमेश शर्मा के खिलाफ  मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि बिगाड़ने के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करते हुए दिया। शर्मा के खिलाफ  देहरादून के एक थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के आदेश देते हुए न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकल पीठ ने यह भी कहा कि इस मामले के सभी दस्तावेज अदालत में जमा कराए जाएं। एफआईआर में कहा गया था कि पत्रकार ने सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री रावत का नाम पैसों के लेन-देन में घसीटते हुए उनकी छवि खराब की। कोर्ट ने पत्रकार की याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं। इनकी जांच होना और सच का सामने आना जरूरी है।

 यह राज्य के हित में ही होगा कि सभी तरह के संदेह खत्म हों। इसलिए कोर्ट का मानना है कि सीबीआई को मामले में एफआईआर दर्ज करनी चाहिए और पूरे मामले की जांच करनी चाहिए। उधर, भाजपा ने जांच के आदेश को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी शुरू कर दी गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी पार्टी अदालत के फैसले का सम्मान करती है। हालांकि इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी। भगत ने यह भी कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को सिद्ध नहीं कर सकता है। उधर, त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ  भ्रष्टाचार के आरोपों में सीबीआई जांच का आदेश होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने उनसे इस्तीफा देने की मांग की है और केंद्रीय नेतृत्व की मंशा पर भी सवाल उठाए। कांग्रेस ने कहा है कि सीएम को पद छोड़ना चाहिए। पूर्व सीएम हरीश रावत समेत तमाम नेताओं का कहना है कि वह जल्द ही इस मसले को लेकर राज्यपाल से भी मिलेंगे और सीएम के इस्तीफे की मांग करेंगे।