अब 135 दिन बंद रहेगा कार्तिक स्वामी का मंदिर

जनजातीय क्षेत्र भरमौर के दूरस्थ कुगती स्थित भगवान कार्तिक स्वामी का मंदिर विधिवत पूजा-अर्चना के बाद 135 दिन के लिए बंद हो गया है। इसके चलते अब मंदिर में श्रद्धालुओं की आवाजाही पर भी पूर्णतया रोक रहेगी। अप्रैल महीने में बैसाखी वाले दिन मंदिर में विधिवत रूप से पूजा-अर्चना के बाद ही मंदिर के कपाट खुलेंगे। लिहाजा मंदिर के कपाट बंद करने की सदियों से चली आ रही परंपरा का रविवार को भी निर्वहन किया। बर्फ  के बीच पुजारी कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंचे और इस परंपरा को निभाया है। ग्रामीणों के मुताबिक नवंवर माह के अंतिम सप्ताह में सर्दियों से इन चारों मंदिरों के कपाट बंद करने की परंपरा चली आ रही है और मौजूदा समय में भी इसका पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन किया जा रहा है।

मंदिरों के बंद होने की समय अंतराल को स्थानीय भाषा में अंदरोल का नाम दिया गया है। ग्रामीणों में मान्यता है कि अंदरोल के छह माह में देवी-देवता इन मंदिरों में नहीं होते हैं। लिहाजा इस दौरान मंदिरों की ओर रूख करना भी अशुभ माना जाता है और यदि अंदरोल के दौरान मंदिरों की ओर जाएं भी तो उनके साथ किसी प्रकार की अनहोनी होने की भी संभावना बनी रहती है, वहीं मान्यता यह भी है कि सर्दियों में भगवान कार्तिक स्वामी दक्षिण भारत की ओर रुख कर जाते है। इस स्थिति में मंदिर को बैसाखी पर्व तक बंद कर दिया जाता हैं। उधर, कुगती स्थित केलंग बजीर मंदिर के पुजारी मचलू राम का कहना है कि रविवार को विधिवत रूप से पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अब बैसाखी पर्व पर मंदिर के कपाट खुलेंगे है।