दो कप्तानों की नहीं भारतीय क्रिकेट; कपिल देव बोले, हमारी संस्कृति में काम नहीं करेगा ये विचार

भारत के पहले विश्व कप विजेता कप्तान और लीजेंड ऑलराउंडर कप्तान कपिल देव ने टीम इंडिया के टेस्ट और सीमित ओवरों की कप्तानी बांटने के विचार को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि भारतीय संस्कृति दो कप्तानों की नहीं है और विराट कोहली अगर टी-20 में अच्छा कर रहे तो उन्हें कप्तान बने रहने देना चाहिए। हालिया संपन्न हुए इंडियन प्रीमियर लीग में रोहित शर्मा की अगवाई वाली मुंबई इंडियंस विजेता बनी। यह टीम का पांचवा आईपीएल खिताब था और उसने सभी खिताब रोहित की अगवाई में जीते हैं। वहीं विराट की टीम रॉयल चैलेंजर्स बंगलूर को एलिमिनेटर में सनराइजर्स हैदराबाद से हार का सामना करना पड़ा था। विराट की कप्तानी में लगातार आठवें साल बंगलूर की टीम खिताब तक नहीं पहुंच पाई। इसके बाद पूर्व भारतीय ओपनर गौतम गंभीर सहित कई क्रिकेटर्ज ने कहा था कि विराट की जगह भारत की टी-20 की कप्तानी अब रोहित को सौंप देनी चाहिए। 1983 विश्वकप विजेता टीम के कप्तान कपिल ने कहा, मैं पहले अपनी संस्कृति देखता हूं। हमारे यहां दो कप्तानों का विचार नहीं चलता। क्या एक कंपनी में दो सीईओ हो सकते हैं।

 अगर विराट टी-20 में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, तो उन्हें टीम का कप्तान बने रहने देना चाहिए। कपिल का मानना है कि अलग-अलग कप्तान होने से टीम को सामंजस्य बैठाने में दिक्कत आएगी। उन्होंने कहा, प्रत्येक प्रारूप में हमारी 80 प्रतिशत टीम समान है। खिलाडि़यों को अलग-अलग विचारों वाले कप्तान पसंद नहीं है। इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका की बात अलग है। उनकी मानसिकता और संस्कृति अलग है। पर हमारे यहां दो कप्तानों का विचार खिलाडि़यों में उलझन पैदा करेगा। उन्होंने कहा, अगर विराट सीमित ओवरों में उपलब्ध नहीं होते हैं, तो फिर नए कप्तान के लिए सोचा जा सकता है। पर जब तक वह अपनी सेवाएं दे रहे हैं, तब तक उन्हें टीम की अगवाई करने देना चाहिए।