घर में आयुर्वेद

– डा. जगीर सिंह पठानिया

सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक,

आयुर्वेद, बनखंडी

शहद के गुण

दो प्रकार की मक्खियां शहद बनाती हैं एक तो जंगलों में पेड़ों की टहनियों के साथ छत्ता बनाती हैं और दूसरी प्रकार की मक्खियां व्यावसायिक रूप से पाली जाती हैं। जंगली छत्ते से लिया हुआ शहद सर्वोत्तम होता है। हजारों वृक्षों के फूलों से जो निर्यास मक्खियां ले जाती हैं उसी मीठे अंश से शहद बनता है। शहद में केवल कार्बोहाइड्रेट ही होता है इसमें वसा व प्रोटीन न के बराबर होता है। इसमें कई विटामिन व मिनरल पाए जाते हैं, जिसमें से विटामिन बी-2, बी-3, बी-5, बी-6, बी-9, कैल्शियम, लोहा, मैगनीशियम, फास्फोरस, पोटाशियम, सोडियम, जिंक प्रमुख हैं। इसमें पानी की मात्रा 17 ग्राम प्रति 100 ग्राम शहद होती है।

गुण व कर्म

रक्तवर्धक, एंटीक्लोटिक, एंटीसेप्टिक, रोग प्रतिरोधी क्षमता वर्धक, कास श्वास प्रतिश्याय नाशक, दीपन पाचन, चक्षु रोगों में लाभकारी व वसा को कम करने जैसे गुण पाए जाते हैं। कई रोगों में इसके साथ औषधियों  का सेवन किया जाता है जहां यह योगवाही का प्रभाव करता है।

रक्त वर्धक

आदमी के शरीर में एच बी को बढ़ाता है जिस से उस के शरीर को प्रचुर मात्रा में आक्सीजन मिलती है तथा भ्रम चकर तथा रक्तचाप आदि रोगों में लाभप्रद है।

एंटीबायोटिक व एंटीसेप्टिक के रूप में

शहद कई जीवाणु जन्य रोगों में लाभकारी है चोट लगने पर घाव पर लगाने में व्रण शुद्ध रहता है व जल्दी ठीक होता है।

रोग प्रतिरोधी क्षमता वर्धक के रूप में

शहद में कई जड़ी-बूटियों के फूलों का निर्यास होता है, जिनमें कई रोगों में लड़ने की शक्ति होती है व अत्यंत रोगप्रतिरोधी क्षमता वर्धक है। कास श्वास प्रतिश्याय जैसे रोगों में इसका अनुपान के रूप में प्रयोग किया जाता है।

आंखों के लिए

नेत्र अभिष्यंद व आंखों की जलन जैसे आंखों के रोगों में शहद डालने से यह लुब्रिकेशन का काम करता है तथा इन आंखों के रोगों से छुटकारा दिलाता है। आंखों के आयुर्वेदिक ड्रॉप्स में प्रायः शहद विद्यमान होता है। गाजर के साथ लेने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

वसा को कम करने में खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ गई हो व शरीर में वसा अधिक हो, तो ऐसी स्थिति में शहद व नींबू का रस मिलाकर गर्म पानी के गिलास में डालकर उस पानी का सेवन करना चाहिए। कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है, शरीर में वसा की मात्रा को भी घटाता है तथा शरीर के वजन को भी कम करता है, क्योंकि इसमें कई विटामिन व मिनरल पाए जाते हैं, इसलिए शहद रस रक्तादि सप्त धातु वर्धक माना जाता है।