जडेरा के 12 गांव आज भी पैदल

आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी नहीं मिली सड़क सुविधा

ग्राम पंचायत जडेरा के बारह गांवों को आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी सड़क सुविधा मयस्सर नहीं हो पाई है। इन गांवों के लोग आज भी रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं को पीठ पर लादकर ले जाने को मजबूर हैं। आपातकाल में स्थिति ओर भी बदत्तर हो जाती है जब मरीज को चारपाई में डालकर करीब सात किलोमीटर का पैदल फासला तय करके मुख्य मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है। कई मर्तबा समय पर चिकित्सीय सुविधा न मिलने से मरीज बीच रास्ते में दम तोड़ जाते हैं। ग्रामीण हेमराज, मनोज कुमार, सुनीता देवी, अनिता देवी, प्रकाश चंद, उमा देवी, भानू देवी, अनूप कुमार, पवन कुमार, धाकड़ सिंह, सुरेश कुमार, चमन सिंह व केहर सिंह आदि ने बताया कि जडेरा पंचायत के कुठेड, बेरोह, फोटूईं, सुराल, डुगली, मीननू,  शंघरोड़ी, दागोटा, सानयी,  व नागोह आदि गांव सड़क सुविधा से वंचित हैं।

उन्होंने बताया कि करीब दस वर्ष पहले कलीयूं से इन गांवों को सडक सुविधा से जोड़ने के लिए कार्य आरंभ किया गया था, जो कि आज दिन तक पूर्ण नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि सड़क सुविधा न होने से गांव विकास की दौड़ में भी पिछड़कर रह गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इन गांवों के अधर में लटके सडक निर्माण कार्य को दोबारा से आरंभ करने की मांग वे कई मर्तबा विभिन्न मंचों पर उठा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। उन्होंने सरकार व प्रशासन से जल्द ग्रामीणों की दिक्कतों को देखते हुए प्राथमिकता के आधार पर सड़क का निर्माण कार्य करवाकर राहत प्रदान करने की गुहार लगाई है।