न प्रदर्शन को बुराड़ी जाएंगे; न शर्तें मानेंगे, केंद्र के प्रस्ताव को बताया अपमानजनक

 दिल्ली के पांचों एंट्री प्वाइंट बंद करने की चेतावनी

नई दिल्ली –नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमा पर डटे किसान संगठनों ने केंद्र सरकार की बातचीत की अपील ठुकरा दी है और पहली दिसंबर से सभी राज्यों में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। किसान संगठनों ने प्रदर्शन के लिए बुराड़ी मैदान जाने की शर्त ठुकराते हुए दिल्ली को चारों तरफ से घेरने की चेतावनी देते हुए कहा कि वे बिना किसी शर्त के साथ सरकार से बातचीत करना चाहते हैं।

सरकार ने हमारे आंदोलन का अनादर किया। हम लोगों ने बुराड़ी मैदान में आंदोलन करने का सरकार का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। बुराड़ी मैदान नहीं ओपन जेल है। सरकार को हमसे बातचीत के लिए यहीं सिंघु बॉर्डर पर आना चाहिए। विरोध कर रहे किसान संगठनों के संयुक्त मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि सरकार को उच्च स्तर पर किसानों से बातचीत करनी चाहिए। किसानों ने पहली दिसंबर से सभी राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। बयान में कहा गया है कि किसान एकजुट हैं और एक सुर में केंद्र सरकार से तीन किसान विरोधी, जनविरोधी कानूनों और तथा बिजली विधेयक-2020 की वापसी की मांग कर रहे हैं। किसान शांतिपूर्वक व संकल्पबद्ध रूप से दिल्ली पहुंचे हैं और अपनी मांग हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पंजाब और हरियाणा से भारी संख्या में किसान सिंघु और टिकरी बार्डर पर पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड  और उत्तर प्रदेश के किसानों की गोलबंदी भी सिंघु बार्डर पर हो रही है। किसानों का आरोप है कि सरकार ने उनकी मांगों और सवालों पर कोई ध्यान नहीं दिया है। सरकार की कार्यप्रणाली ने अविश्वास और भरोसे की कमी पैदा की है। किसान संगठनों का कहना है कि अगर सरकार किसानों की मांगों को संबोधित करने पर गंभीर है, तो उसे शर्तें लगानी बंद कर देनी चाहिए। गौरतलब है कि शनिवार को गृहमंत्री अमित शाह ने किसानों से अपील की थी कि वे दिल्ली के बुराड़ी इलाके में ही अपना आंदोलन करें, तभी सरकार निर्धारित समय (तीन दिसंबर) से पहले आपसे बातचीत के लिए तैयार है। इस प्रस्ताव को किसान नेताओं से खारिज कर दिया।

किसान संगठनों ने इसप्रस्ताव को ठुकराकर दिल्ली को चारों तरफ से घेरने की चेतावनी देते हुए कहा कि वे बिना किसी शर्त के साथ सरकार से बातचीत करना चाहते हैं। बुराड़ी का मैदान आंदोलन की जगह नहीं है, बल्कि एक खुली जेल है। इसलिए वहां किसी भी हाल में नहीं जाएंगे। शर्तों के साथ किसी भी सूरत में बातचीत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि उनके पास चार महीनों के राशन समेत सारे इंतजाम हैं। आने वाले दिनों में दिल्ली के पांच महत्त्वपूर्ण आने-जाने वाले मार्गों को पूरी तरह से जाम किया जाएगा। पंजाब में किसान पिछले दो महीने से संघर्ष कर रहे हैं और पिछले चार दिनों से दिल्ली चलो अभियान के तहत किसान विभिन्न मार्गों से दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही किसान नेताओं ने साफ तौर पर कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं को उनके मंच के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जाएगी।

खाप पंचायतें किसानों के साथ आज करेंगी दिल्ली कूच

हरियाणा की सभी खाप पंचायतों ने रविवार को बैठक में फैसला लिया कि वे तन-मन-धन से देश के किसानों के साथ है। सभी खापें किसानों के सहयोग के लिए सोमवार को दिल्ली कूच करेंगी। हरियाणा के रोहतक से निर्दलीय एमएलए सोमबीर सांगवान ने यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार को किसानों की बात सुननी ही होगी।