शीत सत्र होगा, सर्वदलीय बैठक में तय समय पर ही आयोजन की बनी सहमति

धर्मशाला में सात दिसंबर से प्रस्तावित विधानसभा का शीतकालीन सत्र निर्धारित समय पर ही शुरू होगा। शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में बनी सहमति के बाद राज्य सरकार ने सत्र आयोजन के संकेत दिए हैं। हालांकि बैठकों की संख्या कम करने के लिए कटौती प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष और विपक्ष से सरकार चर्चा कर सकती है। शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक के बाद सरकार ने सामान्य प्रशासन विभाग को सत्र आयोजन की तैयारियां जारी रखने को कहा है। इसके तहत कांगड़ा प्रशासन ने होटल बुकिंग व अन्य प्रबंध तेज कर दिए हैं। जाहिर है कि सत्र आयोजन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी थी। संक्रमण के मद्देनजर सरकार ने सत्र आयोजित न करने का संकेत दिया था और यह फैसला सर्वदलीय बैठक पर छोड़ा था।

 असल में विपक्ष सत्र के आयोजन को लेकर अलग-अलग राय दे रहा था। इस कारण सरकार ने यह मामला प्रमुख रूप से कांग्रेस पर छोड़ दिया। सर्वदलीय बैठक में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, माकपा नेता राकेश सिंघा और निर्दलीय विधायक होशियार सिंह तीनों ने ही सत्र आयोजन के लिए सहमति दी है। इस कारण सत्र आयोजन पर बनी असमंजस की स्थिति स्पष्ट हो गई है। हालांकि अब कितनी बैठकें होंगी, यह तय नहीं है। मौके की स्थिति के चलते सरकार कटौती प्रस्ताव लाकर बैठकों की संख्या कम भी कर सकती है। (एचडीएम)

नेता विपक्ष का अपने विधायकों से तालमेल नहीं

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री का अपने विधायकों के साथ तालमेल नहीं है। सीएम ने कहा कि कांग्रेस के कई विधायकों ने सत्र आयोजन न करने की गुहार लगाई है। कुछ कांग्रेस के विधायक शिमला में इसकी मांग कर रहे हैं, लेकिन नेता प्रतिपक्ष सत्र आयोजन के लिए तैयार हैं।

सत्र आयोजन के लिए बनाई जा सकती है एसओपी

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने सर्वदलीय बैठक का आयोजन कर सभी दलों की राय ली है। उनका कहना है कि अंतिम फैसला सरकार को लेना है। यह निर्णय मुख्यमंत्री लेंगे या फिर कैबिनेट, यह देखना होगा। धर्मशाला में सत्र करवाए जाने की रिवायत है। इसे सरकार निभा रही है, हालांकि परिस्थितियां कठिन हैं। बावजूद इसके सत्र आयोजन के लिए नई एसओपी बनाई जा सकती है। नियमों के अनुसार संवैधानिक रूप से सत्र करवाया जाना जरूरी है।