तपोवन में खुले राष्ट्रीय ई-विधान अकादमी, गुजरात में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में रखा प्रदेश का पक्ष

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार इन दिनों गुजरात राज्य के केवडि़या में आयोजित 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए गुजरात राज्य के प्रवास पर हैं। उनके साथ इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष हंस राज भी मौजूद हैं। गौरतलब है कि गुजरात राज्य के केवडि़या में यह सम्मेलन 25 व 26 नवंबर को आयोजित किया गया, जबकि 27 नवंबर, को सम्मेलन उपरांत भ्रमण के लिए निर्धारित किया गया है। इस सम्मेलन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एवं सभापति राज्यसभा, अध्यक्ष लोकसभा, मुख्यमंत्री गुजरात, राज्यपाल गुजरात तथा कई राज्यों की विधानसभाओं के अध्यक्ष शामिल थे। सम्मेलन के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल संबोधन से किया।

श्री परमार ने विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के मध्य सामंजस्यपूर्ण समन्वय- जीवंत लोकतंत्र का आधार विषय पर सम्मेलन को संबोधित किया। श्री परमार ने अपने विचार रखते हुए कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के तीन विशिष्ट अंग हैं। प्रत्येक संबंधित क्षेत्र में अपने-अपने कार्य हैं और प्रत्येक अंग को संविधान में शक्तियां प्राप्त हैं। संविधान प्रत्येक की भूमिका, कार्यों और सीमाओं को प्रभावित करता है।

 इस अवसर पर संबोधित करते हुए परमार ने धर्मशाला स्थित तपोवन विधानसभा भवन में राष्ट्रीय ई-विधान अकादमी खोलने पर बल दिया तथा कहा कि इससे भवन का सदुपयोग होगा तथा सांसदों, अधिकारियों तथा राज्य विधान सभाओं के सदस्यों को ई-विधान बारे प्रशिक्षित किया जा सकेगा। सम्मेलन के दौरान विपिन सिंह परमार तथा हंस राज अन्य राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों तथा अन्य प्रतिभागियों के साथ भ्रमण करने हेतु सरदार पटेल प्रतिमा स्थल तथा अन्य महत्त्वपूर्ण एवं रमणीय स्थलों पर गए। वह शनिवार को वापस हिमाचल आएंगे।