520 करोड़ के बजट की फाइल खुली

छह महीने से रुका था हायर एजुकेशन का पैसा, शैक्षणिक गतिविधियों पर होगा खर्च

प्रदेश की उच्च शिक्षा के वर्ल्ड बैंक से रुके 520 करोड़ के बजट को लाने के लिए प्रदेश सरकार एक्शन मोड पर आ गई है। बता दें कि  लंबे समय से हिमाचल की उच्च शिक्षा में शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार लाने के लिए वर्ल्ड बैंक की ओर से करोड़ों का बजट अप्रूव किया गया था, लेकिन शिक्षा विभाग व सरकार द्वारा कोई प्रोपोजल तैयार नहीं किया गया था।

 इस वजह से करोड़ों के इस बजट को वर्ल्ड बैंक ने   रिजेक्ट करने को कह दिया था, लेकिन अब खुद शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने इस पर हस्तक्षेप किया है। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हायर एजुकेशन को लेकर आने वाले इस बजट पर प्रोपोजल तैयार किया जाए। वहीं वर्ल्ड बैंक से आने वाले करोड़ों के बजट से हिमाचल के कालेज, विश्वविद्यालय में सुधार किए जा सकते हैं, ताकि छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सकें। वहीं राज्य में रिसर्च वर्क भी बढ़े, इस पर भी सबके सुझाव के बाद प्लानिंग करने को कहा गया है। ऐसे में अब छह माह से हायर एजुकेशन के करोड़ों की फाइल बंद पड़ी थी, वह खुल गई है। अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने से पहले स्कूल, कालेज के ढांचे को ठीक किया जाएगा।

 कालेजों में फैकल्टी बढ़ाने के साथ ही लैब बनाई जाएगी। बता दें कि वर्ल्ड बैंक की ओर से हिमाचल की उच्च शिक्षा में सुधार को लेकर अप्रूव हुए 520 करोड़ का बजट कैंसिल हो सकता था। बता दें कि अभी तक छह माह से ज्यादा समय हो गया है, सरकार व शिक्षा विभाग इस बारे में कोई प्रोजेक्ट ही तैयार नहीं कर पाए हैं। इसके अलावा हिमाचल में किस तरह से कालेज व विवि में वर्ल्ड बैंक से मिलने वाली ग्रांट से शिक्षा की गुणवत्ता पर किस तरह से खर्च करना है, कोई प्लानिंग नहीं है। ऐसे में अब खतरा मंडराने लगा है कि कहीं वर्ल्ड बैंक से अप्रूव हुए करोड़ों के अप्रूव बजट को रिजेक्ट न कर दे।

‘दिव्य हिमाचल ने उठाया था मामला’

हायर एजुकेशन के 520 करोड़ के बजट पर संकट के मामले का मुद्दा ‘दिव्य हिमाचल’ में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद सरकार ने इस पर एक्शन लेते हुए एक महीने में शिक्षा अधिकारियों को प्रोपोजल भेजने को कहा है।