काम के बदले दाम दो

राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा

हमारे देश में कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन ने देश की आर्थिक व्यवस्था के पहिए को पूरी तरह जाम कर दिया है। सरकार अब मुफ्त की योजनाओं को अमल में लाना बंद नहीं करती है तो यह सरकार की सबसे बड़ी नासमझी होगी और अगर उस धनराशि से उद्योग, धंधों, कारोबारियों, छोटे दुकानदारों को लॉकडाउन से मिले जख्मों पर मरहम लगाने का काम करती है और हर हाथ को काम, काम के बदले दाम देने का प्रावधान किया जाता है तो इससे देश में रोजगार बढ़ेगा। रोजगार बढ़ेगा तो लोगों के पास धन आएगा, लोगों के पास धन आएगा तो वे उसे खर्च करेंगे जिससे देश की अर्थव्यवस्था का पहिया चलेगा। मोदी सरकार को भी ऐसी नीतियां अमल में लानी होंगी जिससे सरकारी खजाने में इन्कम आए।