रिसोर्स मैपिंग करेगा समग्र शिक्षा विभाग

केंद्र सरकार के निर्देशों पर प्रदेश शिक्षा विभाग नई शिक्षा नीति पर करेगा काम

हिमाचल प्रदेश समग्र शिक्षा विभाग ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर कार्य करना शुरू कर दिया है। वर्ष 2021  -2022 में अब विभाग रिसोर्स मैपिंग करेगा। यानी हिमाचल में न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू करने से पहले स्कूलों में क्या जरूरतें हैं, कितना फंड चाहिए, टीचर भर्ती किस तरह से करनी है, इन सब पर प्लान बनाना है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस पर हिमाचल को आदेश जारी कर एक साल में सरकारी शिक्षा को न्यू एजुकेशन पॉलिसी में परिवर्तित करने के लिए रिसोर्स मैपिंग के निर्देश दिए है। बुधवार को समग्र शिक्षा विभाग की केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान हिमाचल सरकार ने अपना पक्ष रखा।

इस दौरान शिक्षा अधिकारियों ने कहा कि उन्हें न्यू एजुकेशन पॉलिसी के कई ऐसे नियम हैं, जिन्हें लागू करने के लिए फंडिंग की आवश्यकता है। हिमाचल शिक्षा विभाग का मानना है कि उन्हें बिल्डिंग निर्माण के लिए भी बजट चाहिए, ताकि इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया जा सके। इसके अलावा सभी स्कूलों में प्री-प्राइमरी शुरू करने के लिए भी शिक्षा विभाग ने बजट की मांग की है।

विभागीय सूत्रों के अनुसार केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत वोकेशनल को भी छोटी कक्षाओं से शुरू करने को कहा है। इस पर भी समग्र शिक्षा विभाग ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है इसके लिए भी उन्हें करोड़ों के बजट की आवश्यकता है। इसी तरह शिक्षा विभाग ने केंद्र सरकार से डिजिटल एजुकेशन, टीचर ट्रेनिंग के लिए भी करोड़ों के बजट की मांग की है। केंद्र सरकार के साथ हुई इस वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा मंत्रालय ने 27 से 28 पेज का न्यू एजुकेशन पॉलिसी का सर्कुलर जारी कर दिया है। वहीं सरकार व शिक्षा विभाग को भी आदेश दिए हैं कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर काम करना शुरू कर दें।

समग्र शिक्षा के लिए 2030 तक मांगी एक्सटेंशन

केंद्र द्वारा शुरू की गई समग्र शिक्षा की एक्सटेंशन इस साल खत्म होने  वाली है। बुधवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सरकार ने समग्र शिक्षा की एक्सटेंशन को 2030 तक बहाल करने की भी मांग उठाई है।