सुबह-शाम बदल रहे सरकार के आदेश; बाली का आरोप, कर्फ्यू से पहले रैलियां कर राजनीति की ताकत दिखाती रही सरकार

 बाली का आरोप, कर्फ्यू से पहले रैलियां कर राजनीति की ताकत दिखाती रही सरकार

पूर्व मंत्री जीएस बाली ने कहा है कि रात का कर्फ्यू लगाने से पहले सरकार रैलियां कर राजनीति की ताकत दिखाती रही और बेवजह कांग्रेस पर आरोप लगाए गए। विपक्ष का यह दायित्व है कि वह सरकार को आगाह करे। उन्होंने कहा कि सरकार के आदेश सुबह-शाम बदल दिए जाते हैं। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारी भी कार्य नहीं कर पा रहे हैं। गुरुवार को कांगड़ा में पत्रकार वार्ता में श्री बाली ने कहा कि कोरोना को लेकर सरकार फैसले लेने में पूरी तरह नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि जो कोरोना पॉजिटिव अस्पताल में इलाज के लिए जा रहे हैं, वे वापस नहीं पहुंच रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि वार्डों में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएं और तीमारदारों की नजर में कोरोना पेशेंट की ट्रीटमेंट हो। बाकायदा बोर्ड पर उसे डिसप्ले किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल कोरोना के मामले में देश मेंनंबर वन पर आ गया है। धर्मशाला अस्पताल से 100 से अधिक पेशेंट टांडा जाने के इंतजार में हैं, पर उन्हें शिफ्ट नहीं किया जा रहा है। वेंटिलेटर की स्थिति पर भी उन्होंने सरकार से जवाब मांगा। उन्होंने पूछा कि कितने सीनियर डाक्टर हैं, जो कोरोना वार्डों में तैनात हैं। कोरोना पेशेंट के इलाज के लिए स्वास्थ्य मंत्री के बजाय डाक्टर जाएं। उन्होंने कोरोना पेशेंट की लाशों को टायर व डीजल से अंतिम संस्कार करने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा यह मसला गंभीर है। उन्होंने कहा कि सरकार वैक्सीन के बारे में बताए, क्योंकि मात्र थाली बजाने से कोरोना नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि न तो हिमकेयर कार्ड चल पा रहे हैं और न ही रिन्यू हो रहे हैं।

श्री बाली ने कहा की एचआरटीसी का बेड़ा गर्क किया जा रहा है और प्राइवेट वोल्वो बसें दौड़ रही हैं, लेकिन सरकारी वर्कशॉप में खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि जिस टनल का उद्घाटन किया गया है उसका 85 प्रतिशत काम कांग्रेस शासनकाल में पूरा हो चुका था।

किसान आंदोलन सही

जीएस बाली ने कहा कि किसान आंदोलन कर रहे हैं। केंद्र सरकार को उनसे बात कर समस्या का समाधान करना चाहिए। अगर किसान मांग कर रहा है कि कानून वापस लिया जाए, तो सरकार मामले की गंभीरता को समझे। उन्होंने सरकार के विपक्ष पर उठाए सवाल पर कहा कि जहां सरकार गलत करेगी, विपक्ष की जिमेदारी है कि वह वहां खड़ा रहे और हम किसानों के साथ हैं।