13 दवाइयां सब-स्टैंडर्ड; दो दवा उद्योगों में निर्मित दवाइयां भी शामिल, दो हैंड सेनेटाजर भी मानकों से दूर

विपिन शर्मा — बीबीएन

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की पड़ताल में देश के अलग-अलग राज्यों में निर्मित 13 दवाएं व दो हैंड सेनेटाइजर सब-स्टैंडर्ड पाए गए हैं। इस फेहरिस्त में हिमाचल के दो दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं भी शामिल हैं। ये उद्योग बरोटीवाला व पांवटा साहिब में स्थापित हैं। इसके अलावा सीडीएससीओ की पड़ताल में उत्तर प्रदेश, गुजरात, जे एंड के, उत्तराखंड व तेलंगाना के दवा उद्योगों में निर्मित 13 तरह की दवाएं भी गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतर पाई हैं। दिसंबर माह के ड्रग अलर्ट में जो दवाएं सब-स्टैंडर्ड पाई गई हैं, उनमें तनाव, हाई बीपी, गैस्ट्रिक, जोड़ों के दर्द, एंटी फंगल दवा, एंटीबायोटिक,एलर्जी की दवा व हैंड सेनेटाइजर शामिल हैं।  सीडीएससीओ के ड्रग अलर्ट के बाद राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने हरकत में आते हुए संबंधित दवा उद्योगों को नोटिस जारी कर बाजार से फेल हुए दवा उत्पादों का पूरा बैच हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं।

 बता दें कि दिसंबर माह में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने  देश भर के अलग-अलग राज्यों से 943 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे, जिनमें से जांच के दौरान 15 दवाएं सब-स्टैंडर्ड पाई गईं, जबकि 928 दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर सही पाई गई हैं। दवाइयों के ये सैंपल सीडीएससीओ बद्दी, ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी बद्दी, हरियाणा, हैदराबाद, गोवा, गाजियाबाद, कलकता, बिहार, मिजोरम, मुंबई व केरल ने जांच के लिए जुटाए सीडीएससीओ कलकता, गुवाहटी, जम्मू व सीडीएससीओ नार्थ जोन ने  भरे थे। सीडीएससीओ के दिसंबर के ड्रग अलर्ट में शामिल 15 दवाओं में हिमाचल के दो उद्योगों में निर्मित दवाएं भी सब-स्टैंडर्ड निकली हैं, जिनमें बरोटीवाला स्थित एएनजी लाइफ साइसेंज में निर्मित पेंटाप्राजोल सोडियम टेबलेट, सिरमौर के पांवटा साहिब स्थित ननज मेड साइंस उद्योग में निर्मित लोशन शामिल है। सनद रहे कि केंद्रीय नियामक की इस कवायद का मकसद गुणवत्ता मानकों पर खरा न उतरने वाले उत्पादों की आपूर्ति व बिक्री पर प्रतिबंध लगाना है।

बाजार से स्टॉक हटाने के आदेश

राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि संबंधित फार्मा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उन्हें सब-स्टैंडर्ड दवा का पूरा स्टॉक बाजार से हटाने के आदेश दे दिए गए हैं। इसके अलावा संबंधित क्षेत्रों के दवा निरीक्षकों को इन उद्योगों का निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।