आर्मी चीफ नरवणे का बड़ा बयान, सेना को आधुनिक बनाने में दुश्मनों से पिछड़ रहा भारत

 दुश्मन दरवाजे पर, तो ऐसा रिस्क नहीं ले सकते

 सिर्फ  स्वदेशी से मौजूदा जरूरतें पूरी नहीं हो सकती

दिव्य हिमाचल ब्यूरो, नई दिल्ली

आर्मी चीफ  जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि हमारे दुश्मन जिस तेजी से रक्षा क्षेत्र में आधुनिकता को अपना रहे हैं, उस हिसाब से स्पीड में हम थोड़ा पीछे छूट रहे हैं। गुरुवार को आर्मी- इंडस्ट्री पार्टनरशिप के 25 साल के वेबिनार में आर्मी चीफ  ने कहा कि भारतीय आर्म्ड फोर्स की विदेशी उपकरणों पर निर्भरता को स्वदेशी क्षमता बढ़ाकर कम करना चाहिए। आर्मी चीफ ने कहा कि हमें यह ध्यान रखना होगा आधुनिक और खास टेक्नोलॉजी और मेन्युफैक्चरिंग में क्षमता की कमी की वजह से सिर्फ  स्वदेशी डिवेलपमेंट से ही मौजूदा ऑपरेशनल गैप यानी जरूरतों की भरपाई नहीं हो सकती।

इसलिए कुछ प्रतिशत आयात की जरूरत रहेगी। जब दुश्मन एकदम दरवाजे पर हो, उस वक्त कोई भी ऑपरेशनल कमी का रिस्क नहीं ले सकता। जनरल नरवणे ने कहा कि 2020 खास साल रहा, जिसमें डबल चुनौती रही। एक कोविड-19 की और दूसरी चीन सीमा पर पड़ोसी के आक्रामक रवैये की वजह से। पिछले साल की घटनाओं ने ग्लोबल सप्लाई चेन की कमियां और दिक्कतें भी उजागर कीं और आत्मनिर्भरता की जरूरत को दिखाया। उन्होंने कहा कि मुसीबत के वक्त हथियार और गोला-बारूद पर बाहर के देशों पर निर्भरता दिक्कत पैदा करती है।