मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बोले, तय समय पर पूरा हो मेडिकल कालेजों का काम

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में सभी अधिकारियों को दिए निर्देश

राज्य ब्यूरो प्रमुख, शिमला

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को कहा कि राज्य में क्रियान्वित की जा रही सभी चिकित्सा महाविद्यालय परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण किया जाए। इन महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं के निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य में नए चिकित्सा महाविद्यालयों के भवन निर्माण की प्रगति संबंधी समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये निर्देश जारी किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि निष्पादन एजेंसियों को न केवल इन परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करना सुनिश्चित करना चाहिए, बल्कि अनावश्यक विलंब से भी बचना चाहिए, क्योंकि इससे लागत में वृद्धि होती है। उन्होंने अधिकारियों को सभी प्रकार के अवरोध दूर करने के निर्देश दिए, ताकि परियोजनाएं संपूर्ण रूप से क्रियान्वयन के लिए पूर्णतः तैयार हो सकें। मुख्यमंत्री ने सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से इन परियोजनाओं के विकास की निरंतर निगरानी के लिए एक प्रभावी तंत्र भी विकसित किए जाने को कहा। वर्तमान में राज्य में सरकारी क्षेत्र में छह चिकित्सा महाविद्यालय, निजी क्षेत्र में एक महाविद्यायल कार्यशील है, जबकि जिला बिलासपुर में एम्स निर्माणाधीन है। इसके अलावा जिला ऊना में पीजीआई सेटेलाइट सेंटर कार्यशील है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रियान्वयन एजेंसियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि छोटे-छोटे कारणों से परियोजनाओं के निर्माण कार्यों में देरी न हो।

 चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को क्रियान्वयन एजेंसियों के साथ-साथ ठेकेदारों के साथ भी समन्वय बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि डा. वाईएस परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन का निर्माण 261 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। चिकित्सा महाविद्यालय के शिक्षण खंड का निर्माण अगले वर्ष मार्च तक पूरा किया जाना चाहिए। नए चिकित्सा महाविद्यालय भवन परिसर में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उधर, जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय चंबा का निर्माण एनबीसीसी द्वारा किया जा रहा है, जिसके लिए भारत सरकार द्वारा 170.10 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं और प्रदेश सरकार ने अपने हिस्से के लगभग 18.90 करोड़ रुपए प्रदान किए है। इस परियोजना की कुल लागत 290 करोड़ रुपए है और प्रथम चरण में 200 बिस्तर की क्षमता का अस्पताल, छात्रों एवं छात्राओं के छात्रावास, आवासीय परिसर आदि का निर्माण किया जाएगा, जबकि दूसरे और तीसरे चरण में प्रशासनिक खंड एवं चिकित्सक छात्रावास, एमएस और डीन आवास, सराय भवन और सभागार आदि को पूर्ण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला हमीरपुर में 355 करोड़ रुपए की लागत से डा. राधा कृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल निर्मित किया जा रहा है। इस अस्पताल भवन में 245 मरीजों के लिए वार्ड एचडीयूएस, सात मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, प्रयोगशाला, ब्लड बैंक, सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, सेमिनार कक्ष, कैफेटेरिया और अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

 इन तीनों चिकित्सा महाविद्यालयों में ऑटोमैटिक वेस्ट एंड लांड्री ट्यूब सिस्टम, स्वचालित सामग्री परिवहन प्रणाली, नर्स कॉल सिस्टम, अग्नि एवं जीवन सुरक्षा के लिए समुचित व्यवस्था और स्मार्ट आईपी फोन सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला में चमियाना के नजदीक इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के 300 विस्तर से अधिक की क्षमता के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक का निर्माण अगले चार से पांच माह में पूर्ण हो जाएगा। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक की ओर जाने वाले संपूर्ण मार्ग को चौड़ा करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आईजीएमसी के नई ओपीडी भवन के निर्माण कार्य की भी समीक्षा की। यह इस वर्ष 31 मार्च तक बन कर तैयार हो जाएगा। मुख्य सचिव अनिल खाची ने भवन निर्माण करने वाली एजेंसियों को कहा कि वे परियोजनाओं की प्रगति की व्यापक योजना प्रदान करें, ताकि उनकी लगातार समीक्षा की जा सके। कार्य की प्रगति की समीक्षा के लिए एक ऐप को भी विकसित किया जा सकता है। उन्होंने बड़ी परियोनाओं के कार्य में तेजी लाने की आवश्यकता भी महसूस की, ताकि कार्य को समय पर पूरा किया जा सके।