अस्पतालों में भ्रष्टाचार

-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा

देश में एक बार फिर सरकारी अस्पताल की लापरवाही मासूम बच्चों की जान पर भारी पड़ गई। शुक्रवार को महाराष्ट्र के भंडारा क्षेत्र के सरकारी अस्पताल में आग लगने से लगभग 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। इससे पहले भी देश के दूसरे राज्यों से सरकारी अस्पतालों की लापरवाही की खबरें आई थीं। उनकी जांच की तरह ही, इस लापरवाही की जांच का आदेश देकर सरकार और प्रशासन एक बार फिर से लंबी तान के अगले इसी तरह के दर्दनाक हादसे के इंतजार तक सो जाएंगे।

यहां यह कहना भी उचित होगा कि हमारे देश के सत्ताधारियो की आदत बन चुकी है कि आग लगने के बाद ही कुआं खोदा जाए। जब तक देश में भ्रष्टाचार का काला साया रहेगा और सरकारें इसे दूर करने के लिए गंभीरता नहीं दिखाएंगी, तब तक देश में सरकारी अस्पतालों की बदहाली दूर होना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन है। भ्रष्टाचार ने सारी व्यवस्था को बीमार करके रख दिया है। इस पर रोक लगनी चाहिए।