राष्ट्रीय पर्व मनाने का सबको अधिकार, पलवल के अटोहां में चल रहे किसान धरने में बोले दीपेंद्र हुड्डा

निजी संवाददाता — चंडीगढ़

सांसद दीपेंद्र हुड्डा बुधवार को पलवल के गांव अटोहां में चल रहे किसान धरने पर पहुंचे और किसानों की मांगों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी और 15 अगस्त दोनों राष्ट्रीय पर्व हैं और हर भारतवासी को दोनों पर्व धूमधाम से मनाने का अधिकार है। देश के किसानों को भी इन राष्ट्रीय त्यौहारों को मनाने का पूरा अधिकार है। किसान देश का पेट भरते हैं और उनके बेटे देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं। किसी को भी किसानों की देश भक्ति पर सवाल नहीं उठाना चाहिए बल्कि अन्नदाताओं के जज्बे को सलाम करना चाहिए। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों को डराने की बजाय मनाने की कोशिश करे। डरकर मोर्चा छोड़ना न तो हिंदोस्तान के जवान की फितरत है न ही किसान की फितरत है। इसलिए सरकार ये गलतफहमी अपने मन से निकाल दे कि वो उनकी मांगें नहीं मानेगी और किसानों को डराने में सफल भी हो जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील करी कि राष्ट्रीय पर्व पर किसी भी कीमत पर शांति व अनुशासन को भंग न होने दें। अगर शांति व अनुशासन भंग हुआ तो ये आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा। अनुशासन.अहिंसा किसान आंदोलन के दो सबसे बड़े हथियार हैं।

 लोकतंत्र में इस मार्ग से ही कोई संघर्ष सफल होता है। जिस समझ से आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान संगठनों ने अब तक आंदोलन को पूर्णतः अनुशासन-अहिंसा के पथ पर रखा है, उन्हें पूरा विश्वास है कि आगे भी उसी पर अडिग रहेगा और सरकार को अंततः किसानों की मांगें मानने पर मजबूर होना ही पड़ेगा, क्योंकि किसानों की मांगें जायज हैं। सरकार किसान के जज्बे को समझ नही पा रही है। सरकार अगर जिद्दी है तो अन्नदाता भी प्रतिबद्ध हैं। सरकार अगर तानाशाही पर उतारू है तो किसान भी शांतिपूर्ण सत्याग्रह पर अडिग हैं। सरकार के पास अगर सत्ता बल है तो किसान के पास भी अनुशासन और अहिंसा की ताकत है। दीपेंद्र हुड्डा ने आगे कहा कि दिल्ली की सीमाओं सहित हरियाणा के कोने-कोने में किसान बेहद मुश्किल हालातों का सामना करते हुए धरना दे रहे हैं। हर रोज़ किसानों की कुर्बानी की खबर आती है।