किसान और सरकार

-नरेंद्र कुमार शर्मा, भुजड़ू, मंडी

बुधवार को त्योहार लोहड़ी पर किसानों ने तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं। पंजाब में लोहड़ी का त्योहार बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार को गुड़, रेवड़ी आदि के साथ मनाया जाता है। लोहड़ी अग्नि जलाई जाती है और इसमें प्रसाद बनाया जाता है। लोहड़ी त्योहार बसंत की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है। लेकिन किसानों ने अग्नि में प्रसाद के बजाय कृषि बिल की प्रतियां चढ़ा दीं। यह हमारी संस्कृति के खिलाफ  है। किसानों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त पैनल की कार्यवाही में भाग लेना चाहिए। पचास दिन बीत चुके हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है। सरकार बिलों में संशोधन करने के लिए तैयार है। इसके लिए 15 जनवरी 2021 को बातचीत होगी। किसानों को उन संशोधनों को स्वीकार करना चाहिए जो वे चाहते हैं, क्योंकि कई किसान संगठन कानून के पक्ष में हैं।

 सार्वजनिक राजमार्गों को अवरुद्ध करने से जनता तंग आ चुकी है। सरकार का भी दायित्व है कि वह किसानों की मांगों पर सहानुभूति के साथ विचार करे। उसे यह बात याद रखनी चाहिए कि कृषि सेक्टर करोड़ों लोगों को रोजगार देता है। अगर इस सेक्टर की संभाल नहीं ली गई तो करोड़ों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। इन बेरोजगार लोगों को उद्योग सेक्टर में रोजगार देना भी मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि उनकी संख्या करोड़ों में है। इसलिए सरकार को कृषि सेक्टर को कोई बड़ी राहत देनी चाहिए ताकि यह सेक्टर लोगों को रोजगार देता रहे। सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप देने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए। अन्नदाता देश के करोड़ों लोगों का पेट पालता है, अतः उसकी बात मान लेनी चाहिए।