किसानों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर मनाई लोहड़ी, आंदोलन और तेज करने का संकल्प

नई दिल्ली : सिंघु बार्डर पर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी मनाते किसान संगठन

आंदोलन और तेज करने का संकल्प, 18 जनवरी को मनाएंगे महिला किसान दिवस

दिव्य हिमाचल ब्यूरो, नई दिल्ली

कृषि कानूनों के खिलाफ  सिंघु बार्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को लोहड़ी पर तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने बताया कि बुधवार को कानून की प्रतियां जलाई गईं। तीनों कानून नकारते हुए उन्हें रद्द करने का देश भर के किसानों ने पुनः जोर दिया। किसान संघर्ष समन्वय समिति ने जारी बयान में बताया कि किसान आंदोलन के सभी पहलुओं को तेज करने की तैयारी है। किसान संगठनों ने दिल्ली के पास के सभी जिलों से दिल्ली में गणतंत्र दिवस किसान ट्रैक्टर परेड की तैयारी करने का आह्नान किया है।

 18 जनवरी को महिला किसान दिवस के आयोजन की भी तैयारी है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन में कोई देश विरोधी बातें कर रहा है, तो सरकार उसे गिरफ्तार करे। कृषि कानून कैसे खत्म हों, सरकार इस पर काम करे। सरकार ने 10 साल पुराने ट्रैक्टर पर बैन लगाया है, तो हम 10 साल पुराने ट्रैक्टर को दिल्ली की सड़कों पर चला कर दिखाएंगे। वहीं, कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी के जो चार सदस्य बनाए हैं, वे तो पहले ही कृषि के कानूनों के समर्थक हैं। ऐसी कमेटी के सदस्य क्या न्याय करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इतने अहंकारी मत बनिए, किसानों की सुनिए, नहीं तो देश आपकी बात सुनना बंद कर देगा ।

प्रदर्शन करने वाले नहीं जानते, उन्हें क्या चाहिए

भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि जो प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें तो खुद पता नहीं कि वे क्या चाहते हैं और कृषि कानूनों में दिक्कत क्या है। इससे पता चलता है कि वे किसी के कहने पर प्रदर्शन कर रहे हैं। हेमा मालिनी ने यह भी कहा कि कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगना अच्छी बात है, इससे मामला शांत होने की उम्मीद है। किसान कई दौर की चर्चा के बाद भी मानने को तैयार नहीं हैं।