किसानों ने ठुकराया सरकार का प्रस्ताव, आज केंद्र से 11वें दौर की वार्ता

तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने पर अड़़े, आज केंद्र से 11वें दौर की वार्ता

दिव्य हिमाचल ब्यूरो, नई दिल्ली

संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा में केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों पर बुधवार को रखे गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है। आमसभा में तीनों कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की बात किसान आंदोलन की मुख्य मांगों के रूप में दोहराई गई है। सयुंक्त किसान मोर्चा ने यह जानकारी प्रेस नोट के जरिए दी है। शुक्रवार को किसान संगठनों की सरकार से अगले दौर की बातचीत होनी चाहिए। किसानों के कड़े रुख के चलते इस बैठक में भी कोई हल निकल पाना मुश्किल ही लगा रहा है।

उधर, केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ  किसानों के विरोध प्रदर्शन के 57वें दिन गुरुवार को गणतंत्र दिवस की ट्रैक्टर रैली को लेकर दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच

बैठक हुई। किसान नेता दर्शन पाल ने बताया कि बैठक में दिल्ली पुलिस ने आउटर रिंग रोड पर रैली निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। हालांकि हम रिंग रोड पर ही रैली निकालेंगे। उन्होंने बताया कि बैठक में दिल्ली पुलिस ने कहा कि आउटर रिंग रोड पर अनुमति देना मुश्किल है और सरकार भी इसके लिए तैयार नहीं है, लेकिन हमने रिंग रोड पर ही रैली करने की बात कही है। फिर उन्होंने कहा कि ठीक है, हम देखते हैं। शुक्रवार को हमारी पुलिस के साथ एक बार फिर से बैठक होगी। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने किसानों को केएमपी एक्सप्रेस-वे पर रैली निकालने का विकल्प दिया था, लेकिन किसानों ने इसे ठुकरा दिया। वहीं, किसानों की ट्रैक्टर रैली पर ज्वाइंट सीपी (ट्रैफिक) मनीष अग्रवाल ने बताया कि गणतंत्र दिवस परेड को बिना किसी व्यवधान के करवाना हमारा कर्तव्य है और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।

कमेटी की बैठक से दूर रहे आंदोलनकारी किसान

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय की ओर से कृषि सुधार कानूनों को लेकर गठित समिति की गुरुवार को पहली बैठक हुई, जिसमें कानून समर्थक दस किसान संगठनों ने हिस्सा लिया और कानूनों के बेहतर ढंग से कार्यान्वयन के लिए अपने सुझाव दिए। हालांकि इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने इस समिति में शामिल होने से इनकार किया है।