एसपीओ का मानदेय बढ़ाए सरकार

प्रदेश की सीमाओं पर डटे विशेष पुलिस अधिकारियों की वकालत

कार्यालय संवाददाता — पतलीकूहल

हिमाचल प्रदेश का भौगोलिक क्षेत्र जम्मू-कश्मीर राज्य व अन्य अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़ा है और इसका अधिकांश क्षेत्र जनजातीय क्षेत्र है। प्रदेश की सीमाओं पर तैनात विशेष पुलिस अधिकारी, जो कि सीमा पर किसी भी प्रकार की आंतक व घुसपैठ की गतिविधियों पर नजर रखते हैं, उनका मानदेय इतना कम है कि उन्हें अपने परिवार का पालन पोषण करने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। हालांकि जम्मू-कश्मीर कें्रद शासित प्रदेश व हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां एक समान हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश में विशेष पुलिस ऑफिसर को जे एंड के की सीमाओं में तैनात विशेष पुलिस अधिकारी से आधा मानदेय मिलता है, जो उन एसपीओज के साथ अन्याय करना है।

अनुसूचित जन जाति मोर्चा हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष जवाहर लाल शर्मा ने कहा कि वर्ष 1998 में आतंकवादी हमले एवं समय समय पर हुए आतंकवादी  घुसपैठ को देखते हुए हिमाचल एवं जम्मू-कश्मीर में सीमाओं की निगरानी और सुरक्षा की दृष्टि से विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओज) की तैनाती की। इन एसपीओज की तैनाती के बाद इसके सार्थक परिणाम भी सामने आए। यह विशेष पुलिस अधिकारी पिछले लगभग 20 साल से अधिक समय से अपनी सेवाएं पूर्ण निष्ठा सजगता से देते आए हैं, लेकिन इनकी सेवाओं के बदले केंद्र सरकार प्रति माह 6000 रुपए वेतन दे रही है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में उन्होंने अनुसूचित जन जाति मोर्चा हिमाचल प्रदेश के माध्यम से देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कर प्रदेश की सीमाओं पर तैनात इन विशेष पुलिस अधिकारियों के मानदेय बढ़ाने के लिए पत्र लिखकर मांग की है। वहीं पर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस सचिव प्यारे लाल शर्मा ने इन विशेष पुलिस अधिकारियों का मानदेय बढ़ाने की सरकार से मांग की है।