शिक्षा-अनुसंधान को मिले अनुदान, नौणी विश्वविद्यालय में कुलपति ने मुख्य सचिव से योजनाओं के लिए मांगी मदद

निजी संवाददाता — सोलन

हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव अनिल खाची ने राज्य में बागबानी और वानिकी के विकास के लिए वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की। वह गुरुवार को डा. वाईएस परमार औद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के एक दिवसीय दौरे पर थे। कुलपति डा. परविंदर कौशल ने मुख्य सचिव को शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार शिक्षा में विश्वविद्यालय द्वारा किए गए कार्यों से अवगत करवाया। उन्होंने विश्वविद्यालय कामकाज पर कोविड-19 महामारी के प्रभावों को कम करने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में मुख्य सचिव को अवगत करवाया। अपनी प्रस्तुति में डा. कौशल ने शिक्षा और अनुसंधान के लिए विश्वविद्यालय को अनुदान प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया और राज्य सरकार से विशेष रूप से सेब और गुठलीदार फलों की रोपण सामग्री को बड़े पैमाने पर तैयार करने की विश्वविद्यालय की योजना के लिए आवश्यक मदद मांगी। इससे विदेश से आयात होने वाली रोपण सामग्री पर निर्भरता कम की जा सके और बागबानों को पौधों की आपूर्ति की जा सके।

 इस मौके पर डा. कौशल ने विश्वविद्यालय द्वारा किसानों के लिए नवीनतम कृषि-बागबानी जानकारी से युक्त किसान नोटबुक और अन्य प्रकाशन उन्हें भेंट किए। मुख्य सचिव ने मानव संसाधन विकास के मोर्चे पर और बागबानी, वानिकी और संबंधित क्षेत्रों में ज्ञान के सृजन के लिए विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे कार्यों और राष्ट्रीय रैंकिंग में उच्च स्थान हासिल करने के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने वैज्ञानिकों से उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया, जिससे देश में अन्य संस्थानों से विश्वविद्यालय अपनी अलग पहचान बना सके। मुख्य सचिव ने वनस्पति विज्ञान, हाई-टेक फ्लोरीकल्चर, कीवी ब्लॉक, सेब की सघन खेती सहित विश्वविद्यालय के कई फार्म का दौरा किया। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलसचिव, वैधानिक अधिकारी और विभिन्न विभागों के विभाग अध्यक्ष और वैज्ञानिक उपस्थित रहे।