बसताड़ा टोल प्लाजा पर पहुंचे हुड्डा; बोले, किसानों को उकसाना और झूठे मुकदमों में फंसाना बंद करे केंद्र सरकार

बोले, किसानों को उकसाना और झूठे मुकदमों में फंसाना बंद करे केंद्र सरकार, दर्ज केस वापस लेने की मांग

निजी संवाददाता — चंडीगढ़

करनाल-दिल्ली बॉर्डर समेत प्रदेश के अलग-अलग टोल प्लाजा पर धरनारत किसानों के बीच पहुंचकर उन्हें समर्थन दे रहे पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा शनिवार को करनाल स्थित बसताड़ा टोल पर पहुंचे। इस मौक़े पर उन्होंने किसानों से बातचीत की और सरकार के रवैये पर चिंता ज़ाहिर की। उन्होंने कहा कि अन्नदाता कठोर परिस्थितियों का सामना करते हुए देश का सबसे बड़ा आंदोलन चला रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी बातें मानने की बजाए अनदेखी, उकसावे और तानाशाही का रवैया अपनाए हुए है। सरकार किसानों की आवाज सुनने की बजाय उससे टकराव के हालात पैदा करने और उन्हें उकसाने में लगी है। हुड्डा ने मुख्यमंत्री की किसान महापंचायत का विरोध करने वाले किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की।

 उन्होंने बताया कि वो लगातार प्रदेशभर में धरना दे रहे किसानों के बीच जा रहे हैं। किसान सरकार से किसी तरह का टकराव नहीं चाहते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री केंद्र और किसानों के बीच जारी बातचीत के नतीजे का इंतज़ार किए बिना किसान महापंचायत करके किसानों को उकसाने का काम कर रहे हैं। करनाल के कैमला गांव में जो हुआ उसके लिए सरकार जिम्मेदार है, न की किसान। इसलिए सरकार किसानों को झूठे मुकदमों में फंसाना बंद करे। सरकार को किसानों के प्रति द्वेष भावना या बदले की नीयत से कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।लोकतंत्र में जनभावना और अहिंसक आंदोलनों को टकराव की कोशिश, उकसावे की कार्रवाई, वाटर कैनन की बौछार, आंसू गैसे के गोले और पुलिस की लाठी के दम पर दबाया नहीं जा सकता।

दिल्ली बॉर्डर से रोज शहादत की खबरें

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि किसान पूरी तरह अनुशासित और शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चला रहे हैं। सरकार की अनदेखी और लेटलतीफी के चलते दिल्ली बॉर्डर से रोज़ शहादतों की खबरें आ रही हैं। बावजूद इसके सरकार अन्नदाता की क़ुर्बानियों के प्रति संवेदनहीन बनी हुई है। वो आग्रह करते हैं कि सरकार आंदोलन में जान की क़ुर्बानी देने वाले किसानों को आर्थिक मदद और परिवार को नौकरी दे। अगर ये सरकार ऐसा नहीं करती है तो हमारी सरकार बनने के बाद ऐसा किया जाएगा। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसानों की मांगें पूरी तरह जायज हैं। इसलिए हर वर्ग जातिए धर्मए क्षेत्र और राजनीति से ऊपर उठकर आज इस आंदोलन का समर्थन कर रहा है। वो ख़ुद पहले दिन से आंदोलन को अपना समर्थन दे रहे हैं। वो अन्नदाता के अनुशासित जज्बे को सलाम करते हैं। इतने बड़े आंदोलन को इतने शांतिपूर्ण तरीके से चलाना अपने आप में एक लोकतंत्रिक मिसाल है।