जनसंख्या नियंत्रण कानून बने

राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा

परिवार नियोजन के मामले में हमारा देश विश्व में ऐसा प्रथम देश है। इसने 1952 में परिवार नियोजन के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया था। इसमें समय-समय पर परिवर्तन भी हुए, लेकिन अफसोस फिर भी हमारे देश में अभी भी कुछ संकीर्ण मानसिकता वाले जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों से अनजान हैं और जनसंख्या वृद्धि में अपना भरपूर योगदान दे रहे हैं। सरकारों और न्यायालयों को देशहित के लिए कड़वे फैसले भी लेने पड़ें तो इस पर अमल जरूर करना चाहिए। हमारे देश की बढ़ती जनसंख्या बहुत-सी समस्याओं की जनक है जिसमें मुख्यतः बेरोजगारी व गरीबी भी शामिल हैं। अब समय आ चुका है कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाकर इसे गंभीरता से लागू करे और इस कानून के अंदर सभी धर्मों-संप्रदायों के लोगों को लाया जाना चाहिए।

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