आंसुओं से आंदोलन को जीवनदान, टिकैत की अपील पर फिर जमा हुए किसान

टिकैत की अपील पर फिर जमा हुए किसान, पुलिस डिफेंसिव

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद एक्शन में आई पुलिस गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन को खत्म करवाने वाली थी, लेकिन देर रात भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के इमोशनल दांव के बाद आंदोलन और तेज होता नजर आ रहा है। गाजीपुर से लौट चुके किसान दोबारा से अपने नेता के पास लौट आए और यूपी, हरियाणा और पंजाब से भी कई किसान रातों-रात गाजीपुर बार्डर पहुंच गए। किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान कर चुके राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी टिकैत से मिलने शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रशासन पर किसानों को हटाने का दबाव हो सकता है, लेकिन किसान हटना नहीं चाहते। किसानों का मुद्दा संसद में उठना चाहिए। वहीं आम आदमी पार्टी के  नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर किसानों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसी सिलसिले में मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत आयोजित की गई।

इस महापंचायत में भारी संख्या में किसान और किसान नेता पहुंचे थे, हालांकि किसानों की महापंचायत बिना किसी बड़े निर्णय के समाप्त हुई। इस दौरान किसान नेता नरेश टिकैत ने कहा कि चौधरी अजित सिंह को हराना उनकी सबसे बड़ी भूल है। उन्होंने किसानों से अपनी गलती सुधारने का वादा किया और कहा कि आगामी चुनावों में भाजपा को सबक सिखाया जाएगा। वहीं आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि किसानों का साथ न देने वाले लोग गद्दार हैं और उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए। उधर, किसान आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को बवाल हो गया। दोपहर करीब एक बजे नरेला की तरफ  से आए लोग धरनास्थल पर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए किसानों से बॉर्डर खाली करने की मांग करने लगे। पौने दो बजे तक ये लोग किसानों के टेंट तक पहुंच गए और उनकी जरूरत के सामान तोड़ दिए। इसके बाद किसानों और नारेबाजी कर रहे लोगों के बीच झड़प शुरू हो गई।

 दोनों ओर से पथराव भी हुआ। पुलिस ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ते देख लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इस झड़प में पांच पुलिसवाले घायल हो गए। अलीपुर थाने के एसएचओ प्रदीप पालीवाल भी तलवार से हुए हमले में जख्मी हो गए। बवाल के बाद हरियाणा सरकार ने एहतियातन 17 जिलों में शनिवार शाम पांच बजे तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है। इस दौरान केवल कॉलिंग सर्विसेज जारी रहेंगी। शुक्रवार दोपहर हुई झड़प से पहले किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने केंद्र सरकार पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भाजपा के लोगों को भेजकर किसानों के धरनास्थल पर माहौल बिगाड़ रही है, लेकिन, कृषि कानूनों की वापसी होने तक हम वापस नहीं जाएंगे।