काम न आई दिखावे की कार्रवाई,अमरीका ने लश्कर समेत सात पर आतंकवादी संगठन का तमगा रखा बरकरार

एजेंसियां — नई दिल्ली

आतंकवाद के मसले पर एफएटीएफ द्वारा ग्रे लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद से आर्थिक मार झेल रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को करारा झटका लगा है। अमरीकी प्रशासन ने लश्कर-ए-तोएबा के साथ-साथ सात अन्य आतंकवादी समूहों की समीक्षा की है और उस पर लगाया गया विदेशी आतंकवादी संगठन का तमगा बरकरार रखा है। अमरीका ने सबसे पहले साल 2001 में लश्कर-ए-तोएबा को आतंकवादी संगठन करार दिया था। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट का यह ऑर्डर तब सामने आया है, जब अगले महीने फाइनांशियल एक्शन टास्क फोर्स  की अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें इस बारे में चर्चा की जाएगी कि पाकिस्तान ने आतंकी फंडिंग के खिलाफ कितने कड़े कदम उठाए हैं। ग्लोबल वॉचडॉग अब तक इस्लामाबाद के उन तर्कों से सहमत नहीं दिखाई दिया है, जिसमें दावा किया जाता है कि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद से जुड़ी फंडिंग पर लगाम कसने के लिए कदम उठाता रहा है।

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा हुआ है। इसकी वजह से दुनियाभर से पाक को मिलने वाली आर्थिक मदद पर चोट पहुंची है। पिछले साल अक्तूबर में हुई अंतिम समीक्षा में एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस पेलीर ने आगाह किया था कि पाकिस्तान अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए जिंदगीभर का समय नहीं ले सकता है और बार-बार विफल होने के चलते उसे ब्लैकलिस्ट में भी डाला जा सकता है। पाकिस्तान को साल 2018 में एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण निगरानी वाली संस्था ने पाया था कि पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग को नियंत्रित करने में विफल रहा है।