वैक्सीन का विरोध क्यों?

-डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर

पूरा विश्व कोरोना से लगभग एक वर्ष से जूझ रहा है। एक वर्ष बाद उसकी वैक्सीन तीन बड़ी दवाई कंपनियों ने ढूंढ ली है। यह स्वागत योग्य है। विश्व भर में लाखों लोगों का जीवन लील लेने के बाद अब जाकर यह वैक्सीन लोगों को उपलब्ध होने की संभावना बनी है। अब इस वैक्सीन से कोरोना बढ़ेगा या घटेगा या समाप्त हो जाएगा, यह आने वाला समय ही बता पाएगा।

 इसी के साथ इस वैक्सीन का विरोध भी शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे भाजपा की वैक्सीन कहा है तथा इसे लगाने से इंकार किया है। कुछ अन्य संगठन भी इसका विरोध कर रहे हैं। मेरा मानना है कि यह हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत का परिणाम है, इसलिए इसका विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि स्वागत करके अच्छे दिनों की कामना करनी चाहिए।