जो किसानों को सताएगा सत्ता से जाएगा, शहीदी दिवस समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोले भूपेंद्र सिंह हुड्डा

यमुनानगर थड़ा साहिब गुरुद्वारा में शहीदी दिवस समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोले भूपेंद्र सिंह हुड्डा

निजी संवाददाता — चंडीगढ़

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसान आंदोलन की अनदेखी कर रही सरकार को चेताते हुए कहा कि किसानों की अनदेखी करने वालों को किसान अच्छी तरह सबक सिखाना जानते हैं। इसलिए जो किसान को सताने का काम करेगा, किसान उसे सत्ता से हटाने का काम करेगा। हुड्डा रविवार को यमुनानगर के नौवी पातशाही गुरु तेग बहादुर थड़ा साहिब गुरुद्वारा में आयोजित शहीदी दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे के समारोह में शामिल होना उनके लिए गर्व की बात है।

 क्योंकि, जो देश या समाज अपने शहीदों का सम्मान नहीं करताए वह आगे नहीं बढ़ सकता। ऐसे आयोजन देश और समाज को शहीदों की क़ुर्बानियों और उनके योगदान की याद दिलाते हैं। वो इस धरती को बार-बार नमन करते हैं। उन्हें यहां आने से उन्हें बड़ी ऊर्जा और हौसला प्राप्त हुआ है। कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आंदोलनरत किसानों की मांगे पूरी तरह जायज़ हैं। सरकार को बिना देरी किए उनकी मांग माननी चाहिए और आंदोलन को ख़त्म करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार देश का भला करना चाहती है तो वह किसान हित को ध्यान में रखकर नीतियां बनाए। हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान हमने किसानों को उनकी फसलों का उचित रेट देने और उन्हें कर्ज मुक्त करने के लिए कई कदम उठाए थे। हमारी सरकार ने प्रदेश में किसानों के 2136 करोड़ रुपए के कजऱ्े माफ किए थे।

 साथ ही 1600 करोड़ के बिजली बिल माफ़ करने का ऐतिहासिक फ़ैसला भी किया था। फसली ऋण पर ब्याज को ख़त्म कर शून्य फ़ीसदी कर दिया थाए जो कि पहले 12 फ़ीसदी तक हुआ करता था। इतना ही नहीं कांग्रेस सरकार के दौरान खादए बीज और कृषि उपकरणों पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगता था। उन्होंने आगे कहा कि किसानों को याद है कि हमारी सरकार के दौरान धान का रेट एमएसपी के पार 5000 रुपये तक पहुंच गया था। पोपुलर भी 1250 रुपये के रेट पर ख़रीदा जाता था। पोपुलर के पत्ते तक इतने महंगे बिकते थे कि किसान अपनी बेटियों की शादी का ख़र्च जुटा लेते थे। हमारी सरकार के दौरान कपास और गन्ने का रेट देश में सबसे ज़्यादा था। लेकिन बीजेपी सरकार आने के बाद 6 साल में गन्ने के रेट में बमुश्किल 40 रुपए ही इज़ाफ़ा हुआ है। जबकिए कांग्रेस सरकार ने गन्ने के रेट में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोत्तरी करते हुए उसे 117 से बढ़ाकर 310 रुपए तक पहुंचाया था। यानी गन्ने के रेट में ऐतिहासिक 193 की बढ़ोत्तरी की गई थी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार फसलों का रेट बढ़ाने की बजाए पेट्रोलए डीज़ल और रसोई गैस का दाम बढ़ाने में लगी है।