लीगल हो सकती है भांग की खेती, नीति बनाने पर विचार करेगी सरकार

नीति बनाने पर विचार करेगी सरकार, बढ़ेगा रोजगार

विशेष संवाददाता—शिमला

प्रदेश में भांग की खेती को कानूनी अधिकार मिल सकता है। अभी तक इसे गैरकानूनी माना जाता है और भांग को उखाड़ने के लिए सरकार करोड़ों रुपए का खर्च कर विशेष अभियान भी चलाती है, मगर अब भविष्य में इसे लीगल किया जा सकता है, जिसके संकेत मुख्यमंत्री ने सदन में दिए हैं। विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने इसे लेकर लाए गए निजी संकल्प पर आश्वासन दिया, तो विधायकों ने अपना संकल्प वापस ले लिया।

 खुद सीएम ने कहा कि वर्ष 2014 में उन्होंने खुद यह प्रस्ताव लाया था। क्योंकि दूसरे राज्यों में भी इस तरह का प्रावधान है। खासकर उत्तराखंड में भांग की खेती को लीगल किया गया है, लिहाजा हिमाचल में भी इस पर विचार हो सकता है। सदन में विधायक रमेश धवाला द्वारा नियम 101 के तहत लाए गए प्रस्ताव पर सीएम ने कहा कि भांग की खेती के दो पहलू हैं। इससे चरस बनती है, नई पीढ़ी बर्बाद हो सकती है, वहीं स्मगलिंग का भय रहता है, मगर दूसरा पक्ष यह है कि नियंत्रित रूप से सरकार इसे करने की इजाजत दे, जिससे यहां पर बड़ा रोजगार हासिल हो सकता है। कई प्रदेशों में इसकी इजाजत दी गई है। हम यहां पर भांग को उखाड़ने, काटने का अभियान चलाते हैं क्योंकि हिमाचल की संस्कृति के विपरीत है।

 इससे नशा ही नहीं होता, बल्कि इसके रेशे से पूल्हें बनाई जाती हैं, चटाई बनती है और भी कई कामों में इस्तेमाल होता है। भांग के बीच एकत्र करके उसका तेल निकाला जाता है, जो बहुपयोगी है, वहीं सिड्डू में भी डलता है। यहां आय बढ़ाने का यह बड़ा माध्यम बन सकता है, लेकिन व्यवस्थित तरीके से इसको आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कनाडा व यूएसए में इसको खाने में प्रयोग किया जाता है, वहीं यहां पर होली व शिवरात्रि में उपयोग होता है। सीएम ने कहा कि भांग की खेती लीगल होती है तो ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था बदल सकती है। यदि सभी लोगों की सहमति होगी, तो सरकार इसपर विचार कर सकती है। उनके आश्वासन पर रमेश   धवाला ने अपना संकल्प वापस ले लिया।

भांग के तेल से भाग जाता कोविड ठीक हो जाती है हार्ट ब्लाकेज

भांग के तेल से कोविड भी दूर भाग जाता यदि इसका इस्तेमाल लोग करते। उत्तराखंड ने भी नीति बना रखी है, अमरीका में भी घातक  बीमारियों से लड़ने में इसका प्रयोग होता है। हार्ट की ब्लॉकेज को भी रोका जा सकता है, वहीं नेपाल में इसके लिए अलग से मंत्रालय बना हुआ है। विधायक होशियार सिंह, नरेंद्र ठाकुर, किशोरी लाल, सुरेंद्र शौरी व ज्वाहर ठाकुर ने भी इस संकल्प का समर्थन किया और चाहा कि सरकार भांग की खेती के लिए नीति बनाए।