प्रधानमंत्री बोले, आजादी के 75 साल के पर्व में सनातन और आधुनिक भारत दोनों की झलक दिखे

नई दिल्ली — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि आजादी के 75 वर्ष के पर्व से संबंधित समारोहों में सनातन भारत के गौरव की झलक और आधुनिक भारत की चमक दोनों की झलक दिखाई देनी चाहिए। आजादी के 75 वर्ष का पर्व ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के संबंध में गठित राष्ट्रीय समिति की पहली बैठक को वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए श्री मोदी ने सोमवार को कहा कि आजादी के 75 साल का ये पर्व एक ऐसा पर्व होना चाहिए, जिसमें स्वाधीनता संग्राम की भावना, उसका त्याग साक्षात अनुभव हो सके।

इसमें देश के शहीदों को श्रद्धांजलि भी हो और उनके सपनों का भारत बनाने का संकल्प भी, जिसमें सनातन भारत के गौरव की भी झलक हो, जिसमें आधुनिक भारत की चमक भी हो। उन्होंने कहा कि हमें 130 करोड़ देशवासियों को साथ लेकर, उन्हें साथ जोड़कर आज़ादी के 75 साल का ये पर्व मनाना है। जनभागीदारी इस आयोजन की, इस उत्सव की मूल भावना है और हमें पांच बिंदुओं स्वतंत्रता संग्राम, 75 के मौके पर विचार, 75 के मौके पर उपलब्धि, 75 के मौके पर कार्य और 75 के मौके पर संकल्प इन पांचों को लेकर आगे बढऩा है।

इन सभी में देश के 130 करोड़ लोगों के विचार और उनकी भावनाएं शामिल होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश का शायद ही कोई ऐसा स्थान हो, कोई ऐसा कोना हो जहां से किसी न किसी भारत माता के बेटे-बेटी ने अपना बलिदान नहीं दिया हो। उन सबके बलिदान, उनकी कहानियां भी जब देश के सामने आएंगी तो वो अपने आप में बहुत बड़ी प्रेरणा का स्रोत होने वाला है।

आज भारत वो सब कर रहा है, जिसकी कुछ साल पहले तक कल्पना नहीं होती थी। आज़ादी के 75 साल जब देश मनाएगा, तो देश उन लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ेगा, उन्हें प्राप्त करने के लिए मजबूत कदम उठाएगा, जो कभी असंभव लगते थे। अनेक सदस्यों ने बैठक में अमृत महोत्सव के बारे में अपने सुझाव और विचार भी रखे।

राज्यों के राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री , मुख्यमंत्री, राजनीतिक नेता, वैज्ञानिक, अधिकारी , मीडिया हस्ती, आध्यात्मिक नेता, कलाकार, फिल्मी और खेल हस्ती तथा जीवन के अन्य क्षेत्रों से जाने माने लोगों ने बैठक में हिस्सा लिया।