कष्टभंजन हनुमान मंदिर

हनुमानजी के देशभर में हजारों मंदिर हैं, उनमें से सैकड़ों सिद्ध मंदिर है। शनिदेव और हनुमानजी से जुड़े मंदिर भी कई हैं, उन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर है गुजरात का सारंगपुर स्थित कष्टभंजन हनुमान दादा महाराज का मंदिर। आओ जानते हैं मंदिर के संबंध में संक्षिप्त जानकारी। गुजरात के भावनगर के सारंगपुर में विराजने वाले कष्टभंजन महाराजाधिराज हनुमान यहां हनुमान दादा के नाम से पुकारे जाते हैं। अहमदाबाद-भावनगर रेलवे लाइन पर स्थित बोटाद जंक्शन से सारंगपुर लगभग 12 मील दूर है। अहमदाबाद से भावनगर की ओर जाते हुए करीब 175 किमी. की दूरी पर कष्टभंजन हनुमान का यह दिव्य धाम है। इस मंदिर में सोने के सिंहासन पर विराजमान हनुमान जी की मूर्ति के चरणों में शनि महाराज विराजमान हैं। कहा जाता है कि एक समय था, जब शनिदेव का पूरे राज्य पर आतंक था। आखिरकार भक्तों ने अपनी फरियाद बजरंग बली से की। भक्तों की पुकार सुनकर हनुमानजी शनिदेव को मारने के लिए उनके पीछे पड़ गए।

अब शनिदेव के पास जान बचाने का आखिरी विकल्प बाकी था, सो उन्होंने स्त्री रूप धारण कर लिया, क्योंकि उन्हें पता था कि हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी हैं और वे किसी स्त्री पर हाथ नहीं उठाएंगे। कहा जाता है कि भगवान राम के आदेश से उन्होंने स्त्री स्वरूप शनिदेव को अपने पैरों तले कुचल दिया और लोगों को शनिदेव के अत्याचार से मुक्ति दिलाई। हनुमानजी के इस मंदिर में भक्तों का हर दुख, उनकी हर तकलीफ  दूर हो जाती है,फिर चाहे बात बुरी नजर की हो, भूत पीड़ा या शनिपीड़ा हो या कोई और समस्या हो सभी से मुक्ति मिल जाती है।