गैलरी में ख्वाहिशों की पेंटिंग, मीनाक्षी जैन ने रंगों को अंगुलियों की मदद से कैनवास पर उतारा

मोरनी, 18 अप्रैल (अरुण वर्मा)

सदियों से कला ने आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि पेंटिंग के अपने विविध रूपों के माध्यम से मानव जाति के ज्ञान में योगदान दिया है। उनमें से एक पेंटिंग है, जो दर्शक को अंदर से दूसरे स्तर के अनुभव और आंतरिक दृष्टिकोण तक ले जा सकती है। मीनाक्षी जैन पिछले 10 वर्षों से लगातार पेंटिंग से जुड़ी हुई हैं, उनका काम उनके व्यक्तित्व के बारे में अधिक बताता है, जिसमें उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भाग लिया था। उन्होंने विभिन्न राज्यों और ऑनलाइन में भी कई राष्ट्रीय और अंतररराष्ट्रीय प्रदर्शनी का आयोजन किया है। अभी हाल ही में उन्होंने सीएलके की अंडरपास गैलरी में लगाई गई प्रदर्शनी में हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने दो पेंटिंग्स को एग्जीबिट किया था।

उन्होंने एक्रेलिक मीडियम में एब्स्ट्रेक्ट तरीके से दोनों पेंटिंग बनाई थी। एक पेंटिंग जिंदगी के फ्यूजन पर है, जिसका टाइटल ट्यूशन ऑफ लाइफ है। दूसरी पेंटिंग ख्वाहिशों को लेकर है, जिसमें उन्होंने बताया कि मैंने विशिंग ट्री को दिखाया है अपनी पेंटिंग के कैनवास से इसके कई रंग हैं। मैंने उन्हीं रंगों को दिखाते हुए पेड़ की शक्ल दी है कि अरमानों के कितने रंग हैं उन रंगों को मैंने भरा है। दोनों पेंटिंग्स में किसी ब्रश का इस्तेमाल नहीं किया गया बल्कि रंगों को अंगुलियों की मदद से कैनवास पर उतारा है।